व्यापार: विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 83.10 प्रति डॉलर के अबतक के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट का कारण घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कि वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने और अमेरिकी डॉलर में मजबूती का असर रुपये की धारणा पर पड़ा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.03 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 82.02 से 83.13 के दायरे में रहने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव से एक पैसे टूटकर 83.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 83.09 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजारों और विदेशी कोषों की पूंजी बाजार से निकासी के कारण रुपये में मामूली गिरावट आई। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत घटकर 103.46 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.32 प्रतिशत घटकर 83.85 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा था। वहीं बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 202.36 अंक की गिरावट के साथ 64,948.66 अंक पर बंद हुआ। डॉलर की मजबूती और जोखिम-प्रतिकूल भावनाओं के बीच रुपये में पिछले पांच सप्ताह में से चौथे सप्ताह गिरावट आई। विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 266.98 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।