घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, वित्त मंत्री से मदद की गुहार

घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

Update: 2021-05-07 15:24 GMT

नई दिल्ली : देश के सभी राज्यों में लॉकडाउन, आंशिक लॉकडाउन, कर्फ्यू, रात्रि कर्फ्यू और इसी तरह की अन्य पाबंदियों के चलते पिछले 40 दिनों में घरेलू व्यापार को लगभग 7 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित घाटा हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) को भेजे एक पत्र में देश भर के व्यापारियों के लिए ने तत्काल वित्तीय राहत उपायों और जीएसटी और आयकर के तहत विभिन्न वैधानिक देय तारीखों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।

कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में जीएसटी एवं आय कर की कुछ तारीखों को आगे बढ़ाने की सराहना करते हुए कहा कि देश में लॉकडाउन के चलते दुकाने एवं मार्केट पूरी तरह से बंद हैं। इस कारण उनका पैसा आना बंद हो गया है जबकि उन्हें विभिन्न प्रकार की पारिवारिक और व्यापारिक जरूरतें पूरी करनी पड़ रही है। उन्हें अपनी जमा पूंजी में से कर्मचारियों का वेतन, दुकान और गोदाम का किराया देना पड़ रहा है। यह उनके व्यवसाय के भविष्य के लिए बहुत विनाशकारी है।
वित्तीय बोझ कम करने की गुजारिश
कैट ने सीतारमण से आग्रह किया कि सरकार को कुछ कदम तत्काल उठाने की आवश्यकता है जिससे कुछ समय के लिए व्यापारियों पर से वित्तीय भार और नियमों के पालन का बोझ कम हो सके। वहीं जीएसटी और आयकर के तहत सभी वैधानिक तिथियां जिनके द्वारा या तो कर का भुगतान किया जाना है या रिटर्न दाखिल करना है को 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाया जाए।
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कैट ने कहा कि जीएसटी के तहत फॉर्म जीएसटीआर-3 बी के स्थान पर चालान को कर भुगतान का दस्तावेज माना जाए, इससे करदाता को कर का जल्द भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और सरकार को भी समय पर कर मिलेगा। कैट ने यह भी आग्रह किया कि बैंकों को लॉकडाउन की अवधि के लिए व्यापारियों से ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेने का निर्देश दिया जाना चाहिए और छह महीने की एक मोरोटोरियम अवधि दी जानी चाहिए, जिसमें ऋण की ईएमआई का भुगतान करने या लिए गए ऋणों को चुकता करने पर रोक लगाई जाए।
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