नई दिल्ली: खाद्य वस्तुओं में सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण इस साल जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति कम होकर 2.31 प्रतिशत पर पहुंच गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित देश की वार्षिक मुद्रास्फीति दर में इस साल जनवरी में कमी आई, जबकि पिछले महीने दिसंबर में यह 2.37 प्रतिशत थी।
जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक में दिसंबर की तुलना में मासिक आधार पर 0.45 प्रतिशत की कमी रही। जनवरी में प्राइमरी आर्टिकल ग्रुप का सूचकांक 2.01 प्रतिशत घटा, क्योंकि दिसंबर 2024 की तुलना में जनवरी 2025 के दौरान खाद्य पदार्थों की कीमत में मासिक आधार पर 3.62 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, क्रूड पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नॉन फूड आर्टिकल और खनिजों की कीमत दिसंबर 2024 की तुलना में जनवरी 2025 में बढ़ी।
क्रूड पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमत मासिक आधार पर 6.34 प्रतिशत नॉन फूड आर्टिकल की कीमत 0.66 प्रतिशत और खनिजों की कीमत 0.22 प्रतिशत बढ़ी। ईंधन और बिजली ग्रुप के लिए मुद्रास्फीति महीने के दौरान 0.47 प्रतिशत बढ़ी, हालांकि कोयले की कीमत पिछले महीने के समान ही रही।
सूचकांक में 64.23 प्रतिशत का भार रखने वाले मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट में इस वर्ष जनवरी के दौरान 0.14 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़ों से पता चलता है कि मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट के 22 ग्रुप में से 15 ग्रुप में कीमतों में वृद्धि देखी गई, पांच ग्रुप की कीमतों में कमी देखी गई और दो ग्रुप की कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया।
कुछ महत्वपूर्ण ग्रुप जैसे मैन्युफैक्चरिंग, मशीनरी और उपकरण, रसायन और रासायनिक उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, औषधीय रसायन और वनस्पति उत्पाद को लेकर मासिक आधार पर कीमत वृद्धि दर्ज की गई।
जिन ग्रुप की कीमतों में जनवरी में मासिक आधार पर कमी देखी गई उनमें बेसिक मटीरियल का निर्माण, मशीनरी और उपकरणों को छोड़कर गढ़े हुए मेटल उत्पाद, पहनने के कपड़े, पेय पदार्थ और दूसरे ट्रांसपोर्ट इक्विप्मेंट शामिल हैं। डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित खाद्य वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति दिसंबर 2024 में 8.89 प्रतिशत से घटकर जनवरी 2025 में 7.47 प्रतिशत हो गई।