RBI के नए नियम: 1 अक्टूबर से ऑटो डेबिट पेमेंट सीस्टम बदल जाएगा, Amazon Prime और Hotstar

अगर आप Netflix, Amazon Prime, Disney+ Hotstar जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स या फिर DTH सर्विस का इस्तेमाल करते हैं

Update: 2021-09-30 06:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप Netflix, Amazon Prime, Disney+ Hotstar जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स या फिर DTH सर्विस का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको RBI के नए नियम को जानने की जरूरत है. अगर आपने इसे नजरअंदाज किया, तो हो सकता है कल से यानी 1 अक्टूबर से आपके ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डीटीएच बंद हो जाएं. रिजर्व बैंक ने Additional Factor Authentication (AFA) के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है जिसके अनुसार, 1 अक्टूबर से ऑटो डेबिट पेमेंट सीस्टम बदल जाएगा.

1 अक्टूबर से बंद होगी ऑटो पेमेंट सर्विस

RBI के नये नियम 1 अक्टूबर 2021 से देशभर में लागू हो रहे हैं. कई लोग क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, UPI पेमेंट से नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डीटीएच रीचार्ज के लिए ऑटो पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल करते हैं. 1 अक्टूबर से RBI के आदेश के चलते ऑटो पेमेंट सर्विस को बंद किया जा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से पेमेंट के लिए एक अतिरिक्त एडिशन फैक्चर ऑथेंटिकेशन प्रोसेस को जोड़ दिया है.

1 अक्टूबर से अटक सकते हैं ऑटो डेबिट पेमेंट!

RBI ने देश में डिजिटल पेमेंट को ज्यादा सुरक्षित बनाने के मकसद से Additional Factor Authentication (AFA) का लागू करने का निर्देश दिया गया है. रेकरिंग ऑनलाइन पेमेंट में ग्राहकों के हितों और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए और साथ ही उन्हें फ्रॉड से बचाने के मकसद से AFA का इस्तेमाल करते हुए एक फ्रेमवर्क तैयार करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन IBA की अपील को देखते हुए इसे लागू करने के लिए डेडलाइन को 31 मार्च 2021 से बढ़ा कर 30 सितंबर कर दिया था, ताकि बैंक इस फ्रेमवर्क को लागू करने की पूरी तैयारी कर सकें.

ये है RBI की नई गाइडलाइंस

RBI के नए नियम के मुताबिक बैंकों को पेमेंट की तारीख के 5 दिन पहले एक नोटिफिकेशन भेजना होगा, पेमेंट को मंजूरी तभी मिलेगी जब कस्टमर इसकी मंजूरी देगा. अगर रिकरिंग पेमेंट 5000 रुपये से ज्यादा है तो बैंकों को कस्टमर को एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) भी भेजना होगा. RBI ने कस्टमर्स की सुरक्षा को देखते हुए ये कदम उठाया है.

इसके पहले रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों, पेमेंट गेटवे और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा था कि वो कार्ड डिटेल्स को परमानेंट स्टोर नहीं करें, इससे रेकरिंग पेमेंट और मुश्किल हो गया है. हालांकि RBI ने ये कदम Juspay और नियो बैंकिंग स्टार्टअप Chqbook में डाटा लीक की घटनाओं के बाद उठाया है. 

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