आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू, जाने रेपो रेट पर क्या है विशेषज्ञों की राय

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक बैठक बुधवार को प्रारंभ हुई।

Update: 2021-06-02 12:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की द्विमासिक बैठक बुधवार को प्रारंभ हुई। यह समिति प्रमुख नीतिगत दरों का निर्धारण करती है। इसी बीच विशेषज्ञ इस बात का अनुमान लगा रहे हैं कि कोविड-19 महामारी के असर की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं के बीच केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन दिन तक चलेगी। शुक्रवार को बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी रिजर्व बैंक की ओर से दी जाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि महंगाई दर से जुड़े दबाव के चलते भी रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में किसी तरह के बदलाव से परहेज करेगा।

आरबीआई ने अप्रैल में आयोजित MPC की अंतिम बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया था। वर्तमान में रेपो रेट चार फीसद पर और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर है।
जानिए विशेषज्ञों की राय
ब्रिकवर्क रेटिंग्स में चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर एम गोविंदा राव ने कहा कि GDP के उम्मीद से बेहतर आंकड़ों से विकास दर से जुड़े परिदृश्य को लेकर एमपीसी को जरूरी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू आंशिक लॉकडाउन जैसी पाबंदियों से आर्थिक रिकवरी की रफ्तार को लेकर जोखिम बढ़ गया है।

Housing.com, Makaan.com और Proptiger.com के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल का मानना है कि कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए रिजर्व बैंक अपने नीतिगत रुख को उदार बनाए रख सकता है।
कोटक महिंद्रा बैंक में ग्रुप प्रेसिडेंट (कंज्यूमर बैंकिंग) शांति एकम्बरम का मनना है कि वर्तमान परिस्थितियों में मौद्रिक नीति समिति के पास बहुत ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं हैं।
TRUST AMC के सीईओ संदीप बागला ने कहा है कि पॉलिसी में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने कोरोना महामारी को देखते हुए इकोनॉमी को उबारने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं।


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