RBI ने सुप्रीम कोर्ट से अपने उस अंतरिम आदेश को वापस लेने का किया आग्रह
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सुप्रीम कोर्ट से अपने उस अंतरिम आदेश को वापस लेने का आग्रह किया है, जिसमें कहा गया है...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सुप्रीम कोर्ट से अपने उस अंतरिम आदेश को वापस लेने का आग्रह किया है, जिसमें कहा गया है कि इस साल 31 अगस्त तक जिन खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित नहीं किया है, उन्हें अगले आदेश तक एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस आदेश के चलते उसे 'कठिनाइयों का सामना' करना पड़ रहा है।
RBI urges Supreme Court to lift its interim order, which held that accounts not declared as non-performing assets till August 31 this year are not to be declared NPAs till further orders, saying it is "facing difficulty" due to the directive
— Press Trust of India (@PTI_News) November 5, 2020
गौरतलब है कि कर्जदारों को कोरोना वायरस महामारी संकट के समय में राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सितंबर को अंतरिम आदेश पास किया था। मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज लिए जाने से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई कर रही जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच से आरबीआई की ओर से पेश वकील ने यह बात कही।
केंद्रीय बैंक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम आदेश को वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा, 'हमें एनपीए पर प्रतिबंध लगाने के कोर्ट के अंतरिम आदेश के कारण कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।'
सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम मामले पर सुनवाई को एक बार फिर टाल दिया है। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई को अब 18 नवंबर तक के लिए टाल दिया है। इससे पहले मंगलवार को केन्द्र सरकार के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई को 5 नवंबर तक के लिए टाला था।
लोन मोरेटोरियम मामले में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक आफ इंडिया पहले ही सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दाखिल कर बता चुके हैं कि सरकार ने मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज न वसूले जाने की योजना तैयार की है और 2 करोड़ तक कर्ज लेने वालों से मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज नहीं लिया जाएगा। वित्त मंत्रालय और आरबीआई ने यह भी बताया था कि 2 करोड़ तक के कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का वसूला गया अंतर 5 नवंबर तक कर्जदारों के खातों में वापस कर दिया जाएगा।