RBI ने उठाया बड़ा कदम, इस वजह से झोंकने पड़े 2 अरब डॉलर

Update: 2022-03-04 00:52 GMT

रूस के यूक्रेन पर आक्रमण (Russia Attack On Ukraine) के बीच रुपये की बिगड़ती सेहत को सुधारने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा कदम उठाया है. रुपये की विनिमय दर में बड़े उतार-चढ़ाव को देखते हुए रिजर्व बैंक के अपने विदेशी मुद्रा कोष से करीब 2 अरब डॉलर बेचने का अनुमान है. रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ा है. इसके अलावा वैश्विक बाजार में तनाव का माहौल है. ऐसे में रुपये की हालत भी कमजोर हुई है. भारत बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करता है, इसलिए डॉलर के साथ की विनिमय दर में बदलाव के चलते घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ जाता है.

ईटी की खबर के मुताबिक रुपये की इस कमजोर स्थिति को देखते हुए सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने आरबीआई की ओर से हाजिर बाजार में डॉलर की बिक्री की है.गिरते रुपये को संभालने के लिए RBI डॉलर की खरीद-फरोख्त करता है, ताकि कच्चा तेल आयात करने वाली कंपनियों पर इसके असर को कम किया जा सके.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल बुधवार को 112 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया था. ये पिछले आठ साल में कच्चे तेल का उच्च स्तर है. भारत अपनी जरूरत का 80% कच्चा तेल आयात करता है. ये लेन-देन डॉलर में होता है. इसके अलावा रुपये के मुकाबले डॉलर के महंगे होने का असर विदेश में पढ़ाई कर भारतीय छात्रों के खर्च, विदेश घूमने जाने पर होने वाले खर्च और खाने के तेल के आयात पर पड़ता है.

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