RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कैसे करें मोटी कमाई
जैसे-जैसे कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी आ रही है, इंडियन इकोनॉमी में सुधार की रफ्तार बढ़ रही है
जैसे-जैसे कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी आ रही है, इंडियन इकोनॉमी में सुधार की रफ्तार बढ़ रही है. तमाम रेटिंग एजेंसियों ने गिरावट के अनुमान को घटाया है. भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास काफी आशावादी हैं. उन्होंने साफ-साफ कहा कि रिजर्व बैंक फिलहाल इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने के मूड में नहीं है. विकास दर में तेजी लाने के लिए सेंट्रल बैंक हर जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार है.
बातचीत में गवर्नर शक्तिकांत दास ने निवेशकों को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सेविंग करने वालों को स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करना चाहिए, जिससे उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा. शेयर बाजार के निवेशकों को उन्होंने जोश में फैसले नहीं लेने की अपील की. निवेशकों को सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि शॉर्ट टर्म ट्रेंड्स से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि महंगाई दर सेंट्रल बैंक के लिए टॉप प्रॉयरिटी एजेंडा है.
ग्रोथ में लगातार हो रहा है सुधार
अर्थव्यवस्था की वर्तमान हालत को लेकर उन्होंने कहा कि ग्रोथ की रफ्तार धीरे-धीरे तेज हो रही है. तमाम इंडिकेटर्स इसकी तरफ इशारा कर रहे हैं. स्टील कंजप्शन, PMI मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स, जीएसटी कलेक्शन, ई-वे बिल, सर्विस सेक्टर पीएमआई इंडेक्स में लगातार तेजी आ रही है. पहले ऐसा लग रहा था कि यह फेस्टिवल सीजन के कारण है, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि यह रियल डिमांड है. वैक्सीनेशन प्रोग्राम के कारण कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार आया है और डिमांड बढ़ी है.
शेयर बाजार की तेजी को लेकर क्या कहा?
शेयर बाजार में बुल फैक्टर के हावी होने को लेकर शक्तिकांत दास ने कहा कि निवेशकों को खुद से फैसला लेना होगा. उन्होंने फिर से कहा कि इकोनॉमी के रियल फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल मार्केट के फंडामेंटल्स में काफी अंतर दिख रहा है. सामान्यतया रियल इकोनॉमी और फाइनेंशियल मार्केट एक-दूसर पर बहुत हद तक निर्भर होते हैं और इनकी चाल पर पर इसका असर होता है. वर्तमान में निवेशकों को एक सलाह जरूर देना चाहूंगा कि वे सोच विचार कर फैसला लें और शॉर्ट टर्म ट्रेंड को ध्यान में रखकर फैसला नहीं लें.