RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- महंगाई में आएगी 6 फीसदी गिरावट, देश की GDP ग्रोथ 9.5% रहने का अनुमान
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि आने वाले दिनों में महंगाई दर कम हो सकती है. ये 6 फीसदी के नीचे रह सकती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि मौजूदा साल में देश की आर्थिक विकास दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान है. इकोनॉमी स्थिरता आने पर पॉलिसी में बदलाव किया जा सकता है. उन्होंने कहा, डिमांड बढ़ रही है. आने वाले दिनों में और तेज होने की उम्मीद है. फिलहाल देश में महंगाई दर ऊंची है. लेकिन आने वाले दिनों में ये 6 फीसदी के नीचे रह सकती है.स्टैगइन्फलेशन की कोई संभावना नहीं दिख रही है.
RBI का आर्थिक ग्रोथ अनुमान क्या है?
आरबीआई ने अप्रैल-जून 2021 तिमाही के लिए 21.4 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है. वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में लो बेस के चलते अधिक ग्रोथ रहेगी.
भारतीय स्टेट बैंक ने इंडस्ट्रियल एक्टिविटी, सर्विस एक्टिविटी और ग्लोबल इकोनॉमी से जु़ड़े हुए 41 हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के आधार पर नाउकास्टिंग मॉडल को विकसित किया है.
क्या कहती हैं रिसर्च रिपोर्ट्स
एसबीआई रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, आवाजाही और जीडीपी के बीच की कड़ी कमजोर हुई है. अप्रैल-जून 2021 में कोरोना महामारी के चलते देश के कई हिस्सों में आवाजाही प्रभावित हुई थी लेकिन जीडीपी ग्रोथ अधिक और पॉजिटिव रही.
हालांकि सालाना आधार पर अधिक ग्रोथ का सबसे बड़ा कारण बेस इफेक्ट रहा. रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) कलेक्शन और बिजली खपत में सुधार हुआ है जिसके चलते आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने के सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं.
कोरोना वैक्सीन का है GDP ग्रोथ से सीधा कनेक्शन
भारत की रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स (India Ratings and Research) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि देश की कोरोना की दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियां बेहतर हुई है.
लेकिन कोरोना वैक्सीन ड्राइव काफी कुछ निर्भर करता है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए 31 दिसंबर 2021 तक देश में 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को कोरोना वैक्सीन लग पाना मुश्किल है.
रेटिंग एजेंसी के अनुमान से पता चलता है कि इस वर्ष के अंत तक पूरी व्यस्क जनसंख्या का वैक्सीनेशन करने के लिए प्रति दिन लगभग 52 लाख डोज देनी होंगी.
इसके अलावा अगले वर्ष मार्च के अंत तक बाकी सभी को सिंगल डोज देने की जरूरत होगी. इसीलिए, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक ग्रोथ का अनुमान घटाया है. यह 9.6 फीसदी से गिरकर 9.4 फीसदी रह सकती है.