RBI ने बदला IMPS का नियम, ऑनलाइन पैसों का लेन-देन करने वालों के लिए बड़ी खबर, जाने करोड़ों ग्राहकों को होगा सीधा फायदा
IMPS Latest News अगर आप इंटरनेट बैंकिंग के जरिए पैसों का लेन-देन करते हैं ये तो खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि RBI ने IMPS सर्विस को लेकर बड़ा ऐलान किया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने आईएमपीएस सर्विस (IMPS Service) को लेकर बड़ा ऐलान किया है. अब ग्राहक एक दिन में 5 लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन कर पाएंगे. इससे पहले ये लिमिट 2 लाख रुपये थी. आपको बता दें कि भारत में ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से कहीं भी, कभी भी पैसे भेजे जा सकते हैं, लेकिन पैसे भेजने के तरीके अलग-अलग हैं. दरअसल, ऑनलाइन बैंकिंग से पैसे ट्रांसफर करने के भी तीन तरीके होते हैं, जिनके जरिए एमाउंट ट्रांसफर होता है. इसमें आईएमपीएस (IMPS), एनईएफटी (NEFT), आरटीजीएस (RTGS) का नाम शामिल है.
क्या होता है IMPS
आईएमपीएस (IMPS) यानी इमीडियेट मोबाइल पेमेंट सर्विस कहते हैं. अगर आसान शब्दों में कहें तो आईएमपीएस के जरिए किसी भी खाता धारक को कहीं भी कभी भी पैसे भेज सकते हैं.
इसमें पैसे भेजने के वक्त को लेकर कोई पाबंदी नहीं है. आप सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे में कभी भी आईएमपीएस के जरिए कुछ सेकेंड में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.
अब RBI ने IMPS का कौन सा नियम बदला
RBI के नए फैसले के बाद ग्राहक आईएमपीएस के जरिए 5 लाख रुपये तक का लेन-देन कर सकते है. इससे पहले ये लिमिट 2 लाख रुपये थी. आपको बता दें कि आईएमपीएस से पैसे ट्रांसफर करने पर कई बैंक कोई फीस नहीं लेते है.
आरटीजीएस, एनईएफटी या आईएमपीएस जैसी सुविधाओं के लिए इंटरनेट जरूरी है. आपके पास कंप्यूटर या लैपटॉप न हो तो स्मार्टफोन से भी काम चला सकते हैं जिसमें इंटरनेट की सुविधा हो.
अगर आप स्मार्टफोन (mobile banking) यूज करते हैं तो जिस बैंक में अकाउंट है उसका बैंकिंग एप्लिकेशन डाउनलोड कर लें. इसे फंक्शनल बनाने के लिए आपको एम-पिन या मोबाइल पिन जनरेट करना होगा. इस पिन के सहारे ही आप एप को लॉगिन कर सकते हैं. एप में फंड ट्रांसफर का एक ऑप्शन होता है.
यहां आप किसी दूसरे व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. लेकिन फंड ट्रांसफर के लिए आपको पेयी (जिसे पैसा भेजना है) की पूरी डीटेल दर्ज करनी होगी.
जैसे उसका अकाउंट नंबर और उस बैंक के ब्रांच का आईएफएससी कोड. ये सब दर्ज करने के बाद आप आरटीजीएस आसानी से कर सकते हैं. इसमें शेड्यूल करने की भी सुविधा मिलती है. आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपके अकाउंट से कब पैसा ट्रांसफर होना है.