RBI ने नियमों में किया संशोधन, अब बैंकों की तरह NBFC भी PAC फ्रेमवर्क में डाले जाएंगे
रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि एनबीएफसी के लिए संशोधित पीसीए मानक 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होंगे. हालांकि, सार्वजनिक स्वामित्व वाली एनबीएफसी को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) पर निगरानी बढ़ाने के लिए बैंकों की तर्ज पर प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए. रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि एनबीएफसी के लिए संशोधित पीसीए मानक 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होंगे. हालांकि, सार्वजनिक स्वामित्व वाली एनबीएफसी को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि संशोधित पीसीए प्रारूप जमा स्वीकार करने वाली सभी एनबीएफसी, जमा नहीं लेने वाली एनबीएफसी, निवेश एवं साख कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर भी लागू होंगे. लेकिन सार्वजनिक कोष स्वीकार नहीं करने वाली एनबीएफसी इसके दायरे से बाहर रहेंगी.
आरबीआई इससे पहले बैंकों के लिए पीसीए प्रारूप लागू कर चुका है जिसमें बकाया कर्ज के बोझ तले दबे बैंकों पर सख्त निगरानी लागू की गई है. इसके तहत बैंकों को नए कर्ज जारी करने और भर्तियों से भी रोका जाता है.
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन पर लगेगी रोक
रिजर्व बैंक ने कहा कि एनबीएफसी पर सख्त पीसीए मानक लागू होने की स्थिति में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगने के साथ ही गारंटी देने से भी रोक दिया जाएगा. इसके अलावा रणनीति, शासन, प्रमुख पूंजी, ऋण जोखिम में गड़बड़ी पर भी विशेष कदम उठाए जाएंगे.
संशोधित पीसीए प्रारूप में आरबीआई प्रवर्तकों को एनबीएफसी का नया प्रबंधन लाने और मौजूदा प्रबंधकों एवं निदेशकों को हटाने का सुझाव भी दे सकता है.
क्या है पीसीए फ्रेमवर्क?
आरबीआई को जब लगता है कि किसी बैंक के पास जोखिम का सामना करने को पर्याप्त पूंजी नहीं है, उधार दिए धन से आय नहीं हो रही और मुनाफा नहीं हो रहा है तो उस बैंक को 'पीसीए' में डाल देता है, ताकि उसकी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकें. कोई बैंक कब इस स्थिति से गुजर रहा है, यह जानने को आरबीआई ने कुछ इंडिकेटर्स तय किए हैं, जिनमें उतार-चढ़ाव से इसका पता चलता है. जैसे सीआरएआर, नेट एनपीए और रिटर्न ऑन एसेट्स.
PCA फ्रेमवर्क के तहत कुछ खास मापदंडों के आधार पर बैंकों की वित्तीय सेहत देखी जाती है. संशोधित ढांचे में निगरानी के लिए कैपिटल, परिसंपत्ति गुणवत्ता और लेवरेज जैसे मापदंड शामिल होंगे। आमतौर पर एक बैंक को उसके सालाना नतीजे और आरबीआई की ओर से की गई सुपरवाइजरी मूल्यांकन के आधार पर पीसीए फ्रेमवर्क में डाला जाता है.
नया फ्रेमवर्क कब से लागू किया जाएगा?
एनबीएफसी के लिए पीसीए फ्रेमवर्क 31 मार्च, 2022 को या उसके बाद एनबीएफसी की फाइनेंशियल स्थिति के आधार पर अक्टूबर 1, 2022 से लागू होगा.
NBFC पीसीए फ्रेमवर्क से कैसे बाहर आ सकता है?
RBI PCA फ्रेमवर्क के तहत लगाए गए प्रतिबंधों की वापसी पर विचार करेगा, अगर किसी भी पैरामीटर में जोखिम सीमा में कोई उल्लंघन चार लगातार तिमाही फाइनेंशियल स्टेटमेंट के लिए नहीं देखा जाता है, जिसमें से एक वार्षिक ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट होना चाहिए.