रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान- वित्त वर्ष 2024-25 तक बढ़ जाएगा ई-बसों का इस्तेमाल

रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 तक नई बसों की बिक्री में ई-बसों की 8-10 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है

Update: 2021-08-19 11:54 GMT

रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 तक नई बसों की बिक्री में ई-बसों की 8-10 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है और भारत के विद्युतीकरण अभियान (Electrification Drive) में इस सेगमेंट के सबसे आगे रहने की उम्मीद है. इक्रा ने एक बयान में कहा कि पिछले डेढ़ साल में कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक परिवहन सेगमेंट में चुनौतियों के बावजूद ई-बस सेगमेंट में हलचल पहले ही दिखाई दे रही है.


रेटिंग एजेंसी ने आगे कहा कि हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की टेज एक्सेप्टेंस और मैनुफैक्चरिंग यानी FAME स्कीम का विस्तार अप्रैल 2024 तक दो साल के लिए किया गया, जिससे मध्यम अवधि में इस सेगमेंट को बढ़ावा मिलेगा. इक्रा ने कहा कि हालांकि इस स्कीम को जमीनी स्तर पर लागू करने में महामारी के कारण कुछ देरी हुई है, जिसके चलते कुछ चुनौतियां भी हैं. FAME (Faster Adoption and Manufacturing of (Strong) Hybrid and Electric Vehicles) स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक बसों पर पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान है.

इक्रा रेटिंग्स के वॉइस प्रेसीडेंट और को-ग्रुप हेड श्रीकुमार कृष्णमूर्ति ने कहा, ''इलेक्ट्रिक बस प्रोजेक्टओं में बस की लागत कुल प्रोजेक्ट का 75-80 प्रतिशत है. FAME II स्कीम के तहत प्रति बस 35-55 लाख रुपए की पूंजीगत सब्सिडी के साथ, प्रोजेक्ट लागत का एक बड़ा हिस्सा पूंजीगत सब्सिडी के जरिए पूरा किया जा सकता है, जो 40 प्रतिशत तक हो सकता है. यह इन प्रोजेक्टओं की व्यवहार्यता के लिए अच्छा संकेत है.''

सरकार दे रही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के मैनुफैक्चर और इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाली फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को दो साल 31 मार्च, 2024 तक के लिये बढ़ा दिया है. फेम इंडिया योजना (इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से मैनुफैक्चर और उपयोग) के दूसरे चरण में सार्वजनिक और साझा परिवहन साधनों को बिजली चालित बनाने पर जोर है. भारी उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार योजना को एक अप्रैल, 2019 से तीन साल की अवधि के लिये क्रियान्वित करने का प्रस्ताव है.

सरकार ने पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से फेम इंडिया योजना 2015 में शुरू की थी.
इस बारे में उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि योजना की समयसीमा बढ़ाये जाने से उद्योग को इलेक्ट्रिक वाहनों की टाली गयी मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.


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