रेटिंग एजेंसी फिच ने दी चेतावनी, चीन के कारण दुनिया में बढ़ेगी टेंशन
चीन के कारण दुनिया में बढ़ेगी टेंशन
दुनिया में अपनी इकोनॉमी का ढिंढोरा पीटने वाली चीन के हालात पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं हैं. जिसका असर चीन समेत ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ने की आशंका है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है. फिच के मुताबिक, चीन की बदहाली के कारण दुनिया में टेंशन बढ़ेगी. दरअसल, चीन के प्रॉपर्टी मार्केट में गिरावट आने की खबर तो सभी ने सुनी होगी लेकिन अब प्रॉपर्टी मार्केट में गिरावट आने से ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.
बता दें, चीन की इकोनॉमी का 12 परसेंट हिस्सा प्रॉपर्टी और हाउसिंग मार्केट का है. अब जब चीन का हाउसिंग सेक्टर का संकट में है तो ये वहां की इकॉनमी को डुबो सकता है. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या वजह है और इससे दुनिया में टेंशन कैसे बढ़ेगी…
चीन के बिगड़ रहे हालात
चीन के हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं. दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश होने के बावजूद इसका ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. चीन में इस साल नए मकानों की सेल में 20 परसेंट तक की गिरावट आ सकती है. वहीं, देश का एक्सपोर्ट लगातार घट रहा है और बेरोजगारी चरम पर है. चीन के डोमिनेटिंग रवैये चलते विदेशी कंपनियां भी यहां से अपना बोरिया-बिस्तर समेट रही हैं. ऐसे माहौल में लोग पैसा खर्च करने के बजाय बचाने में लगे हैं.
दुनिया में इसलिए बढ़ेगी टेंशन
रेटिंग एजेंसी फिच ने 2023 में ग्लोबल इकोनॉमी के ग्रोथ अनुमान को 0.1 परसेंट बढ़ाकर 2.5 परसेंट कर दिया है. हालांकि, चीन में गहराए रियल एस्टेट का संकट से दुनियाभर में टेंशन बढ़ेगी. चीन अपने रियल स्टेट मार्केट को पटरी पर उतारने की कोशिश कर रहा था लेकिन ये नाकाम रही. अपने हाउसिंग सेक्टर में चीन ने भारी निवेश किया है और वहां की इकोनॉमी का 12 परसेंट हिस्सा इस सेक्टर पर ही निर्भर करता है. वहीं, देश का एक्सपोर्ट भी लगातार गिर रहा है.
हालांकि, इस बीच फिच रेटिंग्स ने भारत के ग्रोथ अनुमान को 6.3 परसेंट पर बरकरार रखा है. फिच ने कहा है कि कड़ी मौद्रिक नीति और निर्यात में कमजोरी के बावजूद इंडियन इकोनॉमी में लचीलापन दिख रहा है. अल नीनो के खतरे पर साल के अंत में मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ाया गया है. अप्रैल-जून तिमाही में मजबूत सेवा क्षेत्र गतिविधि और हाई डिमांड के कारण इंडियन इकोनॉमी 7.8 परसेंट बढ़ी है.
भारत की ग्रोथ पर क्या कहते हैं आंकड़े?
हालांकि, ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक के सितंबर अपडेट में फिच ने कहा कि हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स बताते हैं कि भारत में जुलाई-सितंबर तिमाही में धीमी ग्रोथ होने की आशंका है. उसका कहना है कि खाने-पीने की चीजें महंगी होने से आने वाले महीनों में महंगाई में अस्थाई तेजी आ सकती है. फिच ने 2023 में महंगाई के 5.5 परसेंट रहने का अनुमान जताया है.