जेल से नहीं छूटेंगे राणा कपूर, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका, जानें पूरा मामला
यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डूबने की कगार से दिसंबर 2020 तिमाही के दौरान मुनाफे में लौटे निजी क्षेत्र के यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं. अब बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. फिलहाल राणा कपूर मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राणा कपूर मार्च 2020 में गिरफ्तार किया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी कॉरपोरेट गवर्नेंस में गड़बड़ी के आरोपों में कपूर के खिलाफ जांच कर रहा है.
कपूर पर डीएचएफएल को कर्ज देने में गड़बडी करने का है आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि राणा कपूर ने डीएचएफएल (DHFL) और उसकी कंपनियों को लोन (Loan) देने में गड़बड़ी की है. बता दें कि राणा कपूर और अशोक कपूर ने 2004 में निजी क्षेत्र के यस बैंक की स्थापना की थी. बैंक 2020 की शुरुआत में तगड़े घाटे (Losses) में चला गया था. बैंक के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) भी बहुत ज्यादा बढ़ गए. हालात इतने खराब हो गए कि 5 मार्च 2020 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक की कमान अपने हाथों में ली थी. यही नहीं केंद्रीय बैंक ने यस बैंक का बोर्ड भी भंग कर दिया था. साथ ही यस बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए.
दिसंबर 2020 तिमाही में बैंक ने घाटे से उबरकर कमाया मुनाफा
यस बैंक को वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 150.7 करोड़ रुपये का मुनाफा (Profit) हुआ है. बता दें कि वित्त वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में बैंक को 18,560 करोड़ रुपये का घाटा (Loss) हुआ था. इसकी वजह से बैंक की हालत खराब हो गई थी. वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में यस बैंक की ब्याज से आय 2,560.4 करोड़ रुपये रही है, जो वित्त वर्ष 2020 की समान तिमाही में 1,064.7 करोड़ रुपये रही थी. तिमाही दर तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में बैंक का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) 16.90 फीसदी से घटकर 15.36 फीसदी हो गया है. इसी तिमाही में बैंक का नेट एनपीए 4.71 फीसदी से घटकर 4.04 फीसदी रहा है.