संपत्ति खरीदार अब ग्रेटर Mumbai में कहीं भी पंजीकरण करा सकेंगे

Update: 2024-08-30 10:01 GMT

Business व्यापर : संपत्ति खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें ग्रेटर मुंबई में कहीं से भी संपत्ति का पंजीकरण कराने की अधिकारिता संबंधी सीमाएं हटा दी गई हैं। इसके अनुसार, अब ग्रेटर मुंबई के लिए एक ही अधिकारिता होगी। सरकार के इस कदम का उद्देश्य संपत्ति खरीदारों को ग्रेटर मुंबई में कहीं भी नजदीकी उप-पंजीयक कार्यालय में जाकर अपनी संपत्ति पंजीकृत कराने का विकल्प देना है। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "ग्रेटर मुंबई में मुंबई शहर, अंधेरी, बोरीवली और कुर्ला सहित चार तालुका हैं। पहले, अगर दक्षिण मुंबई का कोई निवासी उत्तर मुंबई के बोरीवली में संपत्ति खरीदना चाहता था, तो उसे पंजीकरण के लिए वहां जाना पड़ता था। हालांकि, गुरुवार की अधिसूचना के माध्यम से अधिकारिता संबंधी सीमाएं हटा दिए जाने के बाद, दक्षिण मुंबई के किसी संपत्ति खरीदार को बोरीवली जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह अब दक्षिण मुंबई में ही अपनी संपत्ति पंजीकृत करा सकता है।" उन्होंने कहा कि हर साल चारों तालुकों में 1,50,000 संपत्तियों का पंजीकरण होता है और अधिकार क्षेत्र की सीमाएं हटाए जाने से सरकार को उम्मीद है कि संपत्ति पंजीकरण में बढ़ोतरी होगी।

राजस्व विभाग के उप सचिव सत्यनारायण बजाज ने अधिसूचना में कहा कि मुंबई में अधिकार क्षेत्र की सीमाएं हटाने का काम सरकार की 31 अक्टूबर, 2005 को जारी की गई अधिसूचना में संशोधन करके किया गया है। बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष आनंद गुप्ता ने राज्य सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे कारोबार करने में आसानी होगी और संपत्ति पंजीकरण में आने वाली परेशानियां दूर होंगी। उन्होंने कहा, "इसके साथ ही रियल्टी कंपनियां भी राज्य सरकार से पंजीकरण कार्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार करने की अपील करती हैं ताकि उन्हें और अधिक उपभोक्ता-अनुकूल बनाया जा सके।" गुप्ता ने यह भी मांग की कि राज्य सरकार को नगर निगम और स्थानीय निकायों तथा राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले प्रीमियम दरों में कमी लानी चाहिए। उन्होंने कहा, "वर्तमान में प्रीमियम दर रेडी-रेकनर दर का 50 प्रतिशत है, जिसे घटाकर रेडी-रेकनर दर का 25 प्रतिशत किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे परियोजना की व्यवहार्यता बढ़ेगी और कीमतों के मामले में संपत्ति खरीदारों को राहत मिलेगी।"


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