LIC को IPO दिसंबर तक लाने की तैयारी, मूल्यांकन पर चल रहा काम

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एमआर कुमार ने बताया है

Update: 2021-02-11 03:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:   भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन एमआर कुमार ने बताया है कि कंपनी का बहुप्रतीक्षित आईपीओ दिसंबर तक लाने की तैयारी है। इसके लिए मूल्यांकन का काम तेजी से किया जा रहा है। अनुमान है कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के साथ यह देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। एमआर कुमार ने कहा, आईपीओ से पहले कंपनी का बाजार मूल्यांकन सबसे जरूरी है। इसके लिए सॉफ्टवेयर और मूल्यांकन फर्म की जरूरत है, जिस पर काम कर रहे हैं। मूल्यांकन पूरा होेने के बाद रोडशो किया जाएगा। इस बीच सरकार को एलआईसी एक्ट-1956 में भी संशोधन करना पड़ेगा।

5 लाख करोड़ से ज्यादा निवेश करेगी कंपनी 2020-21 में
वित्त मंत्रालय ने साफ कहा है कि 2021-22 की तीसरी तिमाही तक आईपीओ उतारना है और हम इसी समय-सीमा पर काम कर रहे हैं। चालू वित्तवर्ष की समाप्ति तक कंपनी का कुल निवेश 5 लाख करोड़ से ज्यादा पहुंच जाएगा, जो एक रिकॉर्ड है। 31 जनवरी, 2021 तक एलआईसी ने 4,44,919 करोड़ का निवेश किया, जो पिछले साल की समान अवधि से 4.2 फीसदी ज्यादा है।
यूलिप पर टैक्स का ज्यादा असर नहीं

चेयरमैन ने कहा, बजट में 2.5 लाख से ज्यादा प्रीमियम वाली यूलिप के ब्याज पर टैक्स लगाने के प्रावधानों का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। बहुत कम लोग ही 2.5 लाख से ज्यादा प्रीमियम वाली यूलिप में निवेश करते हैं। कंपनी के कारोबार पर अब कोविड का प्रभाव भी खत्म हो रहा है और तेज सुधार दिखने लगा है।
2020-21 में पॉलिसी बिक्री में 5 फीसदी तेजी का अनुमान है, जबकि कुल कारोबार 15 फीसदी बढ़ सकता है। कुल कारोबार में यूलिप की हिस्सेदारी अभी 10 फीसदी है, जो कुछ वर्षों में 15 फीसदी पहुंच सकती है।
इक्विटी से कमाया 35 हजार करोड़ मुनाफा
एलआईसी ने 2020-21 में इक्विटी के जरिये 34,968 करोड़ का मुनाफा कमाया, जो पिछले वित्तवर्ष 18,371 करोड़ था। चेयरमैन ने कहा कि वित्तवर्ष की शुरुआत में जब बाजार गोते लगा रहा था, तब कंपनी ने बड़ी मात्रा में इक्विटी की खरीदारी की थी। जुलाई बाद बाजार में तेजी आने पर बिकवाली शुरू कर दी। अब तक शेयरों की बिक्री से ही करीब 35 हजार करोड़ का लाभ कमा चुकी है। हमारी रणनीति हमेशा से ही गिरावट में खरीद और तेजी पर बिक्री की रही है। एलआईसी डेट और इक्विटी फंडों की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक है।


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