भारतीय अर्थव्यवस्था में 25 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट होने की सम्भवना

मशहूर इकनॉमिस्ट और प्रफेसर अरुण कुमार का कहना है

Update: 2021-01-17 10:32 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | मशहूर इकनॉमिस्ट और प्रफेसर अरुण कुमार का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार जितना दावा कर रही है, उस रफ्तार से सुधार नहीं हो रहा है. संभव है कि चालू वित्त वर्ष जो 31 मार्च को खत्म होगा उसमें भारतीय अर्थव्यवस्था में 25 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिले.

अरुण कुमार ने कहा कि कोरोना के कारण सरकार का बजट एस्टिमेट पूरी तरह बिगड़ चुका है. ऐसे में इसमें सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी सुधार के संकेत केवल ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में दिख रहे हैं. जीडीपी और रोजगार का बहुत बड़ा हिस्सा अन-ऑर्गनाइज्ड सेक्टर है जहां अभी सुधार की शुरुआत नहीं हुई है. इसके अलावा सर्विस सेक्टर के कुछ बड़े और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अभी भी सुधार की शुरुआत नहीं हुई है. ऐसे में आर्थिक सुधार को लेकर जितने दावे किए जा रहे है, सच्चाई उससे अलग है.

दो महीने तक सबकुछ ठप रहा था

अरुण कुमार ने कहा कि मेरा कैलकुलेशन कहता है कि चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट माइनस 25 फीसदी रहेगा. अप्रैल और मई के महीने में दो महीने तक पूरे देश में कड़ाई से लॉकडाउन को लागू किया गया था. चालू वित्त वर्ष के शुरू से कुछ महीनों के लिए केवल जरूरी सेवाओं को इजाजत दी गई थी. यहां तक कि कृषि क्षेत्र में भी उतनी तेजी दर्ज नहीं की गई है.

सरकार ने पुराने डेटा को रिवीजन की बात की है

अनुमान की बात करें तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जबकि NSO का अनुमान है कि यह गिरावट 7.7 फीसदी तक रह सकती है. NSO के मुताबिक, जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी. सितंबर तिमाही में यह गिरावट घटकर माइनस 7.5 फीसदी था. कुमार का कहना है कि इस रिपोर्ट को लेकर सरकार ने कहा था कि इसमें रिवीजन किया जाएगा.

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