पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल, MG मोटर्स समेत ये कंपनियां बढ़ाएंगी दाम

ईंधन के खर्च में बढ़ोतरी से ऑटो इंडस्ट्री में मैनुफैक्चरिंग कॉस्ट पर एक व्यापक प्रभाव पड़ रहा है, जिसके

Update: 2021-02-27 06:17 GMT

ईंधन के खर्च में बढ़ोतरी से ऑटो इंडस्ट्री में मैनुफैक्चरिंग कॉस्ट पर एक व्यापक प्रभाव पड़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की जा सकती है. गुरुवार को, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमतें मैनुफैक्चरिंग कॉस्ट पर असर डालती हैं. ऑटो कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों के अनुसार, ट्रक का किराया पिछले 10 महीनों में 10-12% बढ़ गया है और ज्यादातर कंपनियां वर्तमान में मालभाड़े की दरों पर बातचीत कर रही हैं.


ऐसे में एमजी मोटर जैसी कुछ कंपनियों ने कहा कि वे मूल्य वृद्धि करने की योजना बना रही हैं. आमतौर पर, माल ढुलाई में कार की लागत का 2-2.5% शामिल होता है. एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष और एमडी राजीव चाबा ने कहा, "समुद्री माल भाड़े में बढ़ोतरी और ट्रक किराए में 10-12% की बढ़ोतरी के कारण, हमें कीमत में लगभग 2-3% की बढ़ोतरी करनी होगी." कंपनी फिलहाल ट्रांसपोर्टरों के साथ इन दरों पर बातचीत कर रही है.


प्रोडक्ट डिलीवरी का खर्च भी बढ़ा
ट्रकिंग के लिए, लगभग 45% लागत ईंधन के कारण होती है और कोविड की शुरुआत के बाद ईंधन की कीमतें 65 गुना बढ़ गई हैं, कुल वृद्धि 30% से ऊपर हो गई है. लॉजिस्टिक स्टार्टअप रिविगो के संस्थापक और सीईओ दीपक गर्ग ने कहा कि ईंधन की कीमतें बढ़ने से ट्रकिंग उद्योग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. ई-एक्सप्रेस के संस्थापक और सीईओ टी ए कृष्णन, जो एमेजॉन इंडिया और फ्लिपकार्ट जैसे ई-टेलर्स के साथ काम करते हैं, ने कहा कि डिलीवरी की बढ़ती लागत को रिफ्लेक्ट करने के लिए ई-कॉमर्स फर्मों के साथ पहले से ही बातचीत चल रही है.

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही तरह से बढ़ रहा खर्च
ऑनलाइन फूड डिलीवरी फर्म स्विगी भी ईंधन की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर अपने डिलीवरी पार्टनर्स के लिए एक नए पेमेंट स्ट्रक्चर को अंतिम रूप दे रही है. जोमाटो ने गुरुवार को कहा कि वह अपने डिलीवरी पार्टनर्स की पेमेंट बढ़ाएगा ताकि वे ईंधन की बढ़ी हुई लागत को मैनेज कर सकें. ऐसे में जाहिर है कि ग्राहकों की जेब पर ईंधन की बढ़ती कीमत का असर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही तरह से पड़ेगा.

गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड और एक्जीक्यूटिव वीपी कमल नंदी ने कहा कि ज्यादातर ट्रांसपोर्टर्स मुख्य रूप से अपने वाहनों में डीजल का इस्तेमाल करते हैं. जुलाई 2020 से, डीजल की कीमतों में लगातार 11.3% की वृद्धि हुई है और यह किराए को प्रभावित कर रहा है. नंदी ने कहा, "इससे कीमतों और उपभोक्ता मांग पर असर पड़ने की उम्मीद है." अधिकांश कंपनियां कच्चे माल के लिए ज्यादा खर्च उठा रही हैं.


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