जल्द सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल, सामने आई वजह

पेट्रोल-डीजल की कीमत

Update: 2021-03-23 13:23 GMT

बहुत जल्द पेट्रोल-डीजल की कीमत में गिरावट आ सकती है. बीते दो सप्ताह में कच्चे तेल के भाव में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. ऐसे में अब तेल मार्केटिंग कंपनियां इसका फायदा रिटेल उपभोक्ताओं को दे सकती हैं. पेट्रोल-डीजल का भाव इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के भाव पर निर्भर करता है. इसमें तेजी के कारण ही देश के कई शहरों में यह 100 रुपए पार बिक रहा है.

पिछले तीन सप्ताह से कच्चे तेल का भाव स्थिर है. दूसरी तरफ मांग में आई कमी के कारण कच्चे तेल का भाव गिर रहा है. इन्वेस्टिंग डॉट कॉम पर शाम को 5.45 बजे मई डिलिवरी वाला कच्चा तेल 2.87 डॉलर की गिरावट (-4.44%) के साथ 61.75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. 8 मार्च को कच्चे तेल का भाव इंटरनेशनल मार्केट में 71.38 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था. उस हिसाब से इसमें अब तक 13.50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. कीमत में गिरावट को लेकर कहा जा रहा है कि यूरोप और विश्व के कुछ हिस्सों में कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद कीमत में गिरावट देखी जा रही है.
अमेरिकी तेल में 13 फीसदी की गिरावट
इस समय अमेरिकी WTI क्रूड 2.35 डॉलर की गिरावट (-3.82%) के साथ 59.21 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. 8 मार्च को यह 67.98 डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था जो 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर है. उसके मुकाबले इसमें अब तक करीब 13 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. पूरे देश में 27 फरवरी से पेट्रोल और डीजल के रेट में बदलाव नहीं हुआ है.
ओपेक पर निर्भरता घटा रहा है भारत
ओपेक देशों की मनमानी के बीच भारत ने अब धीरे-धीरे ओपेक देशों पर निर्भरता कम करने का फैसला किया है. वह अब अमेरिका से ज्यादा तेल खरीद रहा है. सऊदी अरब भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक था जिसे अमेरिका ने पीछे छोड़ दिया है. अमेरिका इस समय भारत को निर्यात करने के मामले में दूसरे नंबर पर है.
फरवरी में ईंधन की मांग में आई गिरावट
वहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के कारण देश की ईंधन की खपत में फरवरी में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई. देश में सबसे ज्यादा उपभोग वाले ईंधन डीजल की मांग फरवरी में 8.5 फीसदी घटकर 65.5 लाख टन रह गई. वहीं पेट्रोल की खपत 6.5 फीसदी घटकर 24 लाख टन पर आ गई. हालांकि रसोई गैस एलपीजी की बिक्री में 7.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. मांग पर गौर करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत की कच्चे तेल की मांग 13.6 फीसदी बढ़कर 49.9 लाख बैरल प्रतिदिन पर पहुंच जाएगी.


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