पामोलिन तेलों में 250 रुपये तक गिरावट, खाद्य तेल हुए सस्ते
यह व्यवस्था 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।
खाद्य तेलों के लगातार मजबूत होते दाम पर अंकुश लगने के लिये सरकार द्वारा कच्चे पॉम तेल पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत कटौती करने के बाद बुधवार को स्थानीय तेल तिलहन बाजार में कच्चा पाम तेल 270 रुपये, रिफाइंड पामोलिन 250 रुपये क्विंटल तक घट गया। हालांकि, सरसों, मूंगफली तेलों में भाव टिके रहे। बाजार सूत्रों के अनुसार सरसों की बाजार में लगातार तंगी दिख रही है। मांग के मुकाबले सरसों की उपलबधता कम बनी हुई है। सरकार को आगामी बिजाई को ध्यान में रखते हुए सरसों बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। यही वजह है कि पॉम तेल में गिरावट के बावजूद बाजार में सरसों और सरसों तेल के भाव पूर्ववत बोले गए।
सरकार द्वारा कच्चे पॉम तेल के आयात शुल्क में पांच प्रतिशत कटौती करने के बावजूद सरसों और मूंगफली तेल में भाव क्रमश 14,260 रुपये और 13,350 रुपये क्विंटल पर पूर्ववत बोले गये। हालांकि, सरकार के कदम का असर कच्चे पॉम तेल पर देखा गया और उसका एक्स कांडला भाव 270 रुपये घटकर 10,250 रुपये क्विंटल रह गया। इसी प्रकार सोयाबीन मिल डिलीवरी दिल्ली में भी 50 रुपये घटकर 13,500 रुपये का भाव बोला गया। बिनौला मिल डिलीवरी हरियाणा भी करीब 300 रुपये घटकर 12,750 रुपये क्विंटल रह गया। कच्चे पॉम तेल पर जहां पहले उपकर और अतिरिक् शुल्क सहित कुल 35.75 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था वहीं इसे 30 जून से घटाकर 30.25 प्रतिशत कर दिया गया है। यह व्यवस्था 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।