25 से होगी धान व बाजरे की खरीद, उपायुक्तों को तैयारियां करने के निर्देश, किसानों को इंतजार

Update: 2023-09-24 09:48 GMT
हरियाणा सरकार ने 25 सितंबर से धान व बाजरे की खरीद शुरू करने का फैसला लिया है। पिछले सालों तक खरीफ फसलों की खरीद एक अक्तूबर से होती रही है, लेकिन इस बार एक सप्ताह पहले ही किसान अपनी फसल बेच सकेंगे। किसान संगठनों की मांग थी कि इस बार धान की खरीद 20 सितंबर से शुरू की जाए।
 हरियाणा सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था लेकिन अनुमति नहीं दी गई। मंडियों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की।
उन्हें निर्देश दिए कि खरीद शुरू होने से पहले सभी मंडियों में पिछले वर्ष का स्टॉक अवश्य जांच लें, ताकि कोई भी नई खरीद में स्टॉक की गई फसल को बेचने की कोशिश न करे। नमी मापने वाले मीटरों की कैलिब्रेशन करवाने जैसी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं।
बाजरे की सरकारी खरीद के लिए बढ़ रहा किसानों का इंतजार
नारनौल में बाजरे का सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर किसानों को इंतजार बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक खरीद को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किए हैं, जिस कारण किसानों को औने-पौने दामों पर अपने अनाज को आढ़तियों के यहां बेचना पड़ रहा है। सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से आढ़ती तो खुश नजर आ रहे हैं, क्योंकि आढ़तियों की ओर से जिले की विभिन्न मंडियों से अब तक 30 हजार क्विंटल से अधिक बाजरा खरीद किया जा चुका है, जबकि किसान अपने अनाज को निर्धारित से कम दामों पर बेचने को मजबूर हैं।
आढ़ती किसानों से 1900 से 2050 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बाजरा खरीद कर रहे हैं। वहीं सरकार की ओर से इस बार 2500 रुपये प्रति क्विंटल बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। इस प्रकार किसान को प्रति क्विंटल 500-600 रुपये का नुकसान हो रहा है।
खरीफ की फसल में बाजरा महेंद्रगढ़ जिले की प्रमुख फसल है। प्रदेश में सबसे अधिक बाजरे की पैदावार महेंद्रगढ़ जिले में ही होती है। अब तक जिले की विभिन्न मंडियों में 30 हजार क्विंटल से अधिक बाजरे की आवक हो चुकी है, लेकिन सरकार की ओर से सरकारी खरीद को लेकर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किए गए है।
हालांकि सरकार की ओर से 20 सितंबर से हैफेड के माध्यम से खरीद शुरू करने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किए गए है।जिले की विभिन्न मंडियों से अब तक 30 हजार क्विंटल से अधिक बाजरे की खरीद हो चुकी है। इसमें नारनौल अनाज मंडी में सात हजार क्विंटल, कनीना मंडी में 9 हजार क्विंटल व अटेली मंडी में सबसे अधिक 15 हजार क्विंटल तथा सबसे कम 50 क्विंटल महेंद्रगढ़ अनाज मंडी में खरीद की गई। उक्त सभी खरीद आढ़तियों व व्यापारियों द्वारा की गई है।
बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को आढ़तियों को मनमाने दामों पर अपने अनाज को बेचना पड़ रहा है। सरकार को जल्द से जल्द सरकारी खरीद शुरू करवाकर किसानों के बाजरे को खरीदना चाहिए। -संदीप कारोता।
सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसानों को 500-600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार की तरफ से अभी तक सरकारी खरीद को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किए हैं। -बलवंत ताजीपुर।
प्रदेश सरकार किसान हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन यहां जिले के किसानों का अनाज नहीं खरीदा जा रहा है, जिस कारण आढ़ती किसानों की मेहनत को औने-पौने दामों पर खरीद रहे हैं। -संजय खातोली जाट।
बाजरा खरीद को लेकर सरकार की तरफ से उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है, लेकिन संभावना है कि आज या कल तक आदेश मिल जाए। आदेश जारी होते ही एजेंसी बाजरे की खरीद शुरू कर देगी
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