प्याज हुआ सस्ता, 200 रुपये से ज्यादा गिरे दाम

Update: 2022-01-11 05:25 GMT

नासिक के बाद सोलापुर प्याज को बाजार के रूप में जाना जाता है.क्योंकि यह मराठवाड़ा सहित पश्चिमी महाराष्ट्र में किसानों (Farmers) के लिए एक सुविधाजनक बाजार है, इसलिए वाहनों की कतारें बनी रहती हैं.इस समय खरीफ सीजन में लाल प्याज की आवक बड़ी मात्रा में हो रही थी.इसके अलावा, प्याज (onion) सीधे सोलापुर बाजार में पेश किया जा रहा था क्योंकि कीमत भी स्थिर है.लेकिन उसी समय रिकॉर्ड आवक के साथ, प्याज की कीमत(onion price) का गणित गड़बड़ा गया दो दिन पहले तीन दिन की छुट्टी के बाद यहां सिद्धेश्वर कृषि उपज मंडी समिति में 71,000 क्विंटल प्याज पहुंचा. नतीजतन, कीमत 250 रुपये गिरकर 200 रुपये हो गया था.

वर्तमान में खरीफ प्याज की कटाई जोरों पर है. प्याज की कीमत अधिक होने के कारण किसान निकाले गए प्याज को बेचने के लिए उत्सुक हैं.नतीजा यह रहा कि शनिवार को बाजार समिति के सामने 700 वाहनों की कतार लग गई किसानों को परेशानी हुई आमदनी बढ़ने के बजाए यह 250 रुपये से घटकर 200 रुपये रह गई सोलापुर बाजार समिति में प्याज की आयात उस्मानाबाद, परांडा, पंढरपुर, माढा आदि से किया जाता हैं.

नए साल से पहले यहां मंडी समिति में 30 से 35 हजार क्विंटल प्याज कि आवक आ रही थी.हालांकि अब नए प्याज की कटाई भी शुरू हो गई है. साथ ही सिद्धेश्वर यात्रा के चलते मंडी समिति लगातार तीन दिन तक बंद रही थीं इसलिए शनिवार को आवक में अचानक इजाफा हो गया आवक दोगुनी होने से रेट में भी कमी आई हैं इसलिए देखना होगा कि 1,700 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत वाला प्याज सीधे 1,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचे जाने के बाद किसनों का आगे का क्या कदम होगा.

मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में मौसम विभाग ने बेमौसम बारिश की चेतावनी दी गई है.बादल छाए रहने से किसानों की चिंता बढ़ गई हैं लेकिन रविवार की रात उस्मानाबाद, परांडा और बरसी इलाकों में भारी बारिश हुई जिसकी वजह कई जगह कटा हुआ प्याज खराब हो गए. अब अचानक हुई बारिश ने प्याज की फसलों बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया हैं.जिससे कई किसानों को लाखों का नुकसान हुआ हैं.


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