Ola Electric ने स्कूटर प्रोडक्शन के लिए जुटाया 1490 करोड़ का फंड, भारत में ईवी निर्माण को मिलेगा बढ़ावा

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स निर्माण के लिए ओला इलेक्ट्रिक ने बहुत बड़ा फंड जुटाया है। इस फंडिंग के मिलने के बाद कंपनी का बाजार मूल्यांकन बढ़कर 5 बिलियन डॉलर हो गया है। भारतीय मुद्रा के हिसाब से यह करीब 37 हजार करोड़ रुपये है।

Update: 2022-01-25 02:44 GMT

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स निर्माण के लिए ओला इलेक्ट्रिक ने बहुत बड़ा फंड जुटाया है। इस फंडिंग के मिलने के बाद कंपनी का बाजार मूल्यांकन बढ़कर 5 बिलियन डॉलर हो गया है। भारतीय मुद्रा के हिसाब से यह करीब 37 हजार करोड़ रुपये है। कंपनी के मुताबिक उसने 200 मिलियन डॉलर से ज्यादा धन राशि जुटाई हैं, जो लगभग 1,490.5 करोड़ रुपये है।

ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी कंपनी के मूल्यांकन को बढ़ाकर 37 हजार करोड़ कर दिया है। कंपनी ने घोषणा की है कि उसने इसके जरिए 1,490.5 करोड़ जुटाए हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि उसने यह फंड टेकने प्राइवेट वेंचर्स, एल्पाइन ऑपर्च्युनिटी फंड, एडलवाइस समेत अन्य फर्मों से जुटाया है। ओला इलेक्ट्रिक की सीईओ और को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने बताया कि ओला इलेक्ट्रिक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। कंपनी पूरी दुनिया के लिए भारत से अत्याधुनिक विनिर्माण चला रही है।

भारत से दुनिया तक ईवीक्रांति

भाविश अग्रवाल ने बताया कि ओला एस1 के जरिए इलेक्ट्रिक स्कूटर इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव किया है। अब हम अपने इनोवेटिव उत्पादों को बाइक के साथ-साथ कारों सहित अधिक टू व्हीलर कैटेगरी में लाने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं निवेशकों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं और ईवी क्रांति को भारत से दुनिया तक ले जाने के लिए उनके साथ साझेदारी करने की आशा करता हूं।

बैंक ऑफ बड़ौदा से समझौता

ओला ने पिछले साल सितंबर में फाल्कन एज, सॉफ्टबैंक और अन्य से 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। उस वक्त ओला इलेक्ट्रिक की वैल्यूएशन करीब 3 अरब डॉलर थी। ओला इलेक्ट्रिक ने पहले टाइगर ग्लोबल और मैट्रिक्स इंडिया जैसे अन्य निवेशकों से फंडिंग जुटाई थी। ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले साल जुलाई में बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ 10 साल के पीरियड के लिए डेट फाइनेंसिंग समझौते की घोषणा की थी।

10 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार

इस फंडिंग से ओला की फ्यूचरफैक्ट्री की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलने की संभावना है, जिसका लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी टू-व्हीलर निर्माण प्लांट बनने का है। यह प्लांट 10,000 से अधिक महिलाओं को रोजगार देती है और विश्व स्तर पर सबसे बड़ी महिलाओं के कारखाने में से एक है।



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