अब जी एंटरटेनमेंट को बुलानी होगी बोर्ड बैठक, Invesco की अपील को NCLT ने दी मंजूरी

Invesco की अपील को NCLT ने दी मंजूरी

Update: 2021-09-30 15:13 GMT

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने गुरुवार को जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज को असाधारण आम बैठक (EGM Meeting) बुलाने की Invesco की मांग पर विचार करने के लिए कंपनी निदेशक मंडल की एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया. जी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी इनवेस्को की अपील पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए NCLT ने जी एंटरटेनमेंट को निदेशक मंडल के निर्णयों को शेयरधारकों तक उचित रूप से पहुंचाने का भी निर्देश दिया.


अमेरिका स्थित कंपनी Invesco ने जी एंटरटेनमेंट के निदेशक पुनीत गोयनका समेत दो अन्य निदेशकों को हटाने और छह नए निदेशकों की नियुक्ति के साथ बोर्ड के पुनर्गठन की मांग को लेकर NCLT का रुख किया था. इन्वेस्को की तरफ से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायाधिकरण को बताया कि जी एंटरटेनमेंट को वैसा नहीं चलाया जा रहा जैसा कि होना चाहिए. साथ ही शेयरधारकों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए नए निदेशकों को बोर्ड में होना चाहिए. इन्वेस्को ने गोयनका के अलावा दो अन्य निदेशकों अशोक कुरियन और मनीष चोखानी को भी हटाने की मांग की है.

4 अक्टूबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
रोहतगी के अनुसार इनवेस्को ने 11 सितंबर को ईजीएम बुलाने के लिए अनुरोध किया था. इसलिए उन्होंने NCLT से कंपनी को 45 दिन के भीतर आम बैठक आयोजित करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया. इसी को लेकर मामले की सुनवाई कर रही भास्कर पंतुला मोहन और चंद्रभान सिंह की NCLT मुंबई पीठ ने जी एंटरटेनमेंट के बोर्ड को आम बैठक के अनुरोध पर विचार करने के लिए एक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया. इस मामले में अगली सुनवाई अब चार अक्टूबर को होगी.

जी एंटरटेनमेंट का सोनी में होगा विलय
इधर जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के बीच विलय को मंजूरी मिल गई है. जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने ZEEL और SPNI (सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) के बीच करार को मंजूरी दी है. बोर्ड ने न सिर्फ वित्तीय मानकों को ध्यान में रखते हुए बल्कि एक रणनीति के चलते यह फैसला लिया है. इस विलय को लेकर बोर्ड का मानना है कि यह विलय शेयर धारकों और हितधारकों दोनों के लिए काफी अच्छा साबित होगा.

कैसे बदलेगी हिस्सेदारी?
ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी के बीच हुए इस विलय के बाद कंपनियों के बीच हिस्सेदारी को लेकर कई बदलाव होने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इसके बाद मौजूदा स्थिति में ZEEL के शेयरहोल्डर्स का हिस्सा 61.25% होगा. वहीं सोनी की ओर से किए जाने वाले 157.5 करोड़ डॉलर निवेश के निवेश के बाद हिस्सेदारी में बदलाव आएगा. इस निवेश के बाद से ZEEL के निवेशकों का हिस्सा करीब 47.07% होगा और सोनी पिक्चर्स के शेयरहोल्डर्स का हिस्सा 52.93% रहने का अनुमान है.

कैसा है करार?
ZEEL और SPNI के बीच एक्सक्लूसिव नॉन-बाइंडिंग टर्म शीट का करार हुआ है. डील का ड्यू डिलिजेंस अगले 90 दिनों में पूरा होगा. मौजूदा प्रोमोटर फैमिली Zee के पास अपनी शेयरहोल्डिंग को 4 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का विकल्प होगा. बोर्ड में ज्यादातर डायरेक्टर को नॉमिनेट करने का अधिकार सोनी ग्रुप के पास होगा.


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