अब आप भी कर सकते है शहद का कारोबार, सरकार भी करेगी आपकी मदद
शहद का कारोबार कर अब आप भी ऐसे कमा सकते हैं लाखों रूपये, सरकार ने दी 500 करोड़ रूपये की मदद
जनता से रिश्ता वेबडेसक| शहद (Honey) उत्पादन से लेकर उसकी बिक्री तक के लिए केंद्र सरकार ने अब एक नई योजना शुरू की है. देशभर में पैदा होने वाले 60 हज़ार टन शहद को अब एक प्लेटफार्म से बेचा जाएगा.
शहद (Honey) उत्पादन से लेकर उसकी बिक्री तक के लिए केंद्र सरकार ने अब एक नई योजना शुरू की है. देशभर में पैदा होने वाले 60 हज़ार टन शहद को अब एक प्लेटफार्म से बेचा जाएगा. इसके लिए सरकार नाफेड की मदद भी ले रही है. वहीं, शहद का उत्पादन करने वाले किसानों के भी 5 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए गए हैं. किसानों की मदद के लिए 500 करोड़ रुपये भी दिए जा रहे हैं. नाफेड (Nafed) के बीच में आ जाने के बाद शहद का खुदरा कारोबार करने वालों के लिए भी यह सुनहरा मौका है.
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Nafed) के शहद किसान उत्पादक संगठन (FPO) कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि 5 राज्यों में मधुमक्खी पालकों/शहद संग्राहकों के 5 एफपीओ बनाए गए हैं.
बढ़ेगी किसानों की आय
यह एफपीओ मध्य प्रदेश में मुरैना, पश्चिम बंगाल में सुंदरबन, बिहार में पूर्वी चंपारण, राजस्थान में भरतपुर और उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले में नाफेड के सहयोग से बनाए गए हैं. इस स्कीम से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि कृषि उपज का उत्पादन व उत्पादकता भी बढ़ेगी.
दिया 500 करोड़ रुपये का फंड
आपको बता दें केंद्र सरकार की कोशिश है कि आने वाले कल में यह मीठी क्रांति न केवल सफल हो, बल्कि इस लक्ष्य तक पहुंचे कि दुनिया में शहद की दृष्टि से भारत एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर सके. इसके लिए 500 करोड़ रुपये का फंड आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पैकेज के रूप में दिया गया है.
बाज़ार तक सीधे पहुंचेगा 500 गांव का 60 हज़ार क्विंटल शहद
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में एफपीओ का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि शहद में अलग-अलग वैरायटी की मांग बढ़ रही है, अब मीठी क्रांति की शुरुआत हो गई है. सभी 5 एफपीओ से लगभग पांच सौ गांवों के 4 से 5 हज़ार शहद उत्पादकों को इसका फायदा पहुंचेगा. शहद उत्पादकों द्वारा निकाला जाने वाला 60 हजार क्विंटल शहद अब उनके स्वयं के द्वारा ही प्रोसेस करके नाफेड की मदद से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा.