नई कार में अब मिलेगी ये सुविधा, सड़क और परिवहन मंत्रालय ने कहा- 1 अप्रैल से होगा लागू!

Update: 2021-03-07 08:06 GMT

सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. ताकि हादसे कम हों. कई बार कार दुर्घटना में ड्राइवर सीट की बगल में बैठे लोग हादसे के शिकार हो जाते हैं, क्योंकि ड्राइवर सीट की बगल वाली सीट पर एयरबैग की सुविधा नहीं होती है. 

दरअसल आमने सामने की टक्कर में एयरबैग नहीं होने पर आगे बैठे लोगों की जान पर बन आती है. अब सरकार ने मोटर वाहनों में अगली सीट पर एयरबैग को अनिवार्य कर दिया है. यानी अब आगे की दोनों सीट पर एयरबैग की सुविधा मिलेगी. 
सड़क और परिवहन मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2021 के बाद बनने वाली सभी नई कारों में एयरबैग (Airbag) अनिवार्य कर दिया है. यानी एक अप्रैल से बनने वाली छोटी-बड़ी सभी नई कारों में कंपनी को ड्राइवर और उसकी बगल वाली सीट के लिए एयरबैग लगाने ही होंगे. 
हालांकि सरकार की ओर से उन कारों को थोड़ी राहत दी गई है, जो बनकर तैयार हैं. ऐसे कारों में कंपनी को आगे की दोनों सीटों पर 31 अगस्त तक एयरबैग लगाकर देने होंगे. यानी अब हर कार में आगे की दोनों सीटों पर एयरबैग जरूरी कर दिया गया है. 
गौरतलब है कि परिवहन मंत्रालय काफी दिनों से कार में फ्रंट एयरबैग को जरूरी बनाने पर काम कर रहा था, इसे अमलीजामा पहनाने के लिए परिवहन मंत्रालय ने कानून मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था. जिसपर कानून मंत्रालय ने अपनी सहमति दे दी है. इसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. 
एक्सीडेंट की स्थिति में कार की स्पीड के अनुसार एयरबैग खुलता है. किसी चीज से टकराने पर कार का एक्सिलेरोमीटर सर्किट सक्रिय हो जाता है और सर्किट एक इलेक्ट्रिकल करेंट भेजता है, जिससे आगे लगा सेंसर एयरबैग को सिगनल देता है और एक सेकंड से भी कम समय (लगभग 1/20 सेकंड) में लगभग 320 किमी/घंटा की रफ्तार से बंद एयरबैग फूलता है. 
सड़क हादसे के वक्त एयरबैग काफी काम आता है. जैसे ही कार किसी से टकराती है एयरबैग गुब्बारे की तरह खुल जाते हैं और कार में बैठे लोग कार के डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकराने से बच जाते हैं. एयरबैग कॉटन के बने होते हैं, इन पर सिलिकॉन की कोटिंग होती है. एयरबैग के अंदर सोडियम एजाइड (sodium Azide) गैस भरी होती है. 


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