अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल, जाने बैटरी से जुड़े नए नियम
इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने बैटरी सुरक्षा मानकों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधान शामिल किया है. ये मानक एक अक्टूबर से प्रभाव में आएंगे.
इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने बैटरी सुरक्षा मानकों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधान शामिल किया है. ये मानक एक अक्टूबर से प्रभाव में आएंगे. टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं को लेकर चिंता के बीच मंत्रालय ने यह कदम उठाया है. सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा कि नए नियमों में इलेक्ट्रिक टू-, थ्री और फोर-व्हीलर्स, पैसेंजर और गुड्स व्हीकल शामिल होंगे.
नए नियम के मुताबिक, बैटरी, ऑन-बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक का डिजाइन में बदलाव किया जा सकात है. इसके अवावा इंटरनल सेल शॉर्ट सर्किट से आग लगने का खतरा न हो इसके लिए थर्मल से जुड़ी ज्यादा सुरक्षा को शामिल किया गया है. नए सुरक्षा नियम देश में एक अक्टूबर से लागू कर दिए जाएंगे. इसको लेकर अधिसूचना जारी करने की तैयारी मंत्रालय ने कर ली है.
कई कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटरों में लग चुकी आग
इस साल अप्रैल में ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और प्योर जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों के वाहनों में आग लगने के मामले सामने आए थे. इन घटनाओं को देखते हुए सरकार ने एक समिति गठित की थी. इस एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में की गयी सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय ने 29 अगस्त 2022 को एआईएस (वाहन उद्योग मानक) 156 में संशोधन जारी किये हैं.
फोर और टू व्हीलर दोनों पर लागू होंगे नए नियम
इन संशोधनों में इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन (इंजन) के साथ एल कैटेगरी के मोटर वाहनों के लिये विशिष्ट आवश्यकताएं और एम कैटेगरी और एन कैटेगरी के मोटर वाहनों की इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन के लिये जरूरतें शामिल हैं. एल कैटेगरी के मोटर वाहन वे हैं जिसमें चार से कम पहिये हैं, जबकि एम कैटेगरी के वाहन वे हैं जिनमें कम-से-कम चार पहिये होते हैं और जिनका उपयोग यात्रियों को लाने-ले जाने के लिये किया जाता है.
कंपनियां नहीं कर सकती अब लापरवाही
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग की घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सख्त नियम बनाने का फैसला किया था. गडकरी ने कुछ दिन पहले एक बयान में कहा था कि इन घटनाओं की जांच के लिए गठित विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र सरकार चूक करने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी. किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा.