ध्यान दें: अगर आपने ITR नहीं भर कर ऐसे टेक्स बचाया, तो देना होगा Double Tax

इस बार हुए हैं कई बदलाव

Update: 2021-02-07 05:02 GMT

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट 2021-22 पेश किया है. बजट में कई नए ऐलान के साथ ही टैक्स व्यवस्था में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. बजट में 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को आईटीआर ना भरने की सुविधा देने के साथ ही एक और ऐलान किया गया है. इस ऐलान से उन लोगों को नुकसान होने वाला है जो आईटीआर नहीं भरते हैं. अब उन लोगों को TDS और TCS में दोहरी मार पड़ने वाली है यानी अब उन्हें दोगुना तक टैक्स देना पड़ सकता है.


ऐसे में अगर आप भी टीडीएस या टीसीएस से बचने के लिए आईटीआर नहीं भर रहे हैं तो आपको सतर्क रहना होगा. नए नियमों के हिसाब से आपको मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि आखिर ये नया नियम क्या है और पुराने नियम में क्या क्या बदलवा किए गए हैं…


पहले क्या था नियम?
कुछ साल पहले सेक्शन 206AA लाया गया था. इस सेक्शन के अनुसार जब कोई व्यक्ति टीडीएस बचाने के लिए अपना पैन कार्ड नहीं देता था उसके बाद संबंधित व्यक्ति को अधिकतम रेट के हिसाब से TDS और TCS देना होता था. इस प्रावधान का मकसद टैक्स चोरी करने वालों की पहचान करना था और उनसे फाइल के रुप में ज्यादा टैक्स वसूला जाता था. हालांकि, अब इसमें बदलाव कर दिया गया है.

हालांकि, इस बजट में नए सेक्शन 206AB और 206CCA को शामिल किया गया है. इसके तहत अगर आप टीडीएस बचाने के लिए पैन कार्ड नहीं देते हैं तो आपको दोगुना टैक्स देना होगा. इस सेक्शन के अनुसार, लगातार दो साल तक आईटीआर फाइल ना करने पर आपसे दोगुना टैक्स वसूला जाएगा.

ये नियम सैलरी के अलावा किसी और तरीके से इनकम होने पर लागू किया जाएगा. बता दें कि अगर दो सालों में 50 हजार से ज्यादा टीसीएस और टीडीएस होने पर यह नियम लागू होगा. साथ ही इस नियम के तहत टीडीएस और टीसीएस दोगुना या फिर 5 फीसदी के हिसाब से वसूला जाएगा.

इस बार हुए हैं कई बदलाव
– अब 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को आईटीआर नहीं भरनी होगी. हालांकि, यह सहूलियत उन लोगों के लिए ही है, जिनका ब्याज और पेंशन से कमाई हो रही है. अब उन्हें आईटीआर नहीं भरनी होगी और सीनियर सिटीजन का टैक्स बैंक पहले ही काट लेगा.

– बजट में किए गए कुछ बदलावों की वजह से आईटीआर भरना आसान हो गया है. अब आईटीआर भरते वक्त आपकी आधे से ज्यादा जानकारी पहले से ही भरी हुई होगी.

– बजट में टैक्स ऑडिट की सीमा को 5 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक कर दिया है. इस पहले ही 1 करोड़ रुपये के टर्नओवर से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया था. ये उनके लिए है जो अपनी करीब 95 फीसदी ट्रांजेक्शन डिजिटल माध्यम से करते हैं.


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