बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं, भारत सरकार के पास नहीं है कोई डेटा
नई दिल्ली: भारत में बिटक्वाइन (Bitcoin) को करेंसी (Currency) का दर्जा नहीं मिलने जा रहा है. सरकार ने आज लोकसभा (Lok Sabha) में एक सवाल के लिखित जवाब में इसकी जानकारी दी. सरकार ने साफ कर दिया कि इस बारे में फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है.
सरकार के पास नहीं है कोई डेटा
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने लिखित जवाब में यह भी बताया कि सरकार के पास बिटक्वाइन का कोई डेटा नहीं है. भारत सरकार (Govt Of India) बिटक्वाइन के लेन-देन से जुड़ा कोई डेटा कलेक्ट नहीं करती है. सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है, जब संसद के मौजूदा सत्र (Parliament Winter Session) में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विधेयक (Cryptocurrency Bill) लाने की तैयारी चल रही है. इस विधेयक में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाए जाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही यह विधेयक रिजर्व बैंक (RBI) की प्रस्तावित डिजिटल करेंसी (Digital Currency) के लिए जमीन तैयार करेगा.
क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाने की तैयारी में सरकार
क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाने की इस तैयारी की खबर बाहर आने के बाद से कयासों का बाजार गर्म है. ऐसे भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि भारत सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा सकती है. हालांकि अभी तक सरकार ने प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा तय नहीं की है। इस खबर के बाहर आने के बाद बिटक्वाइन, इथेरम समेत लगभग सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के भाव टूटने लग गए.
RBI को क्रिप्टोकरेंसी पर संदेह
इससे पहले आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया था. केंद्रीय बैंक को इनके बाजार मूल्य पर भी संदेह है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governer Shaktikant Das) ने क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचारों को दोहराते हुए हाल ही में कहा था कि ये किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं, क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित नहीं हैं.
PM Modi की बैठक में उठ चुका है मामला
गौरतलब है कि 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई में हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर झूठे वादे करने और गैर पारदर्शी विज्ञापनों के जरिए युवाओं को गुमराह करने की कोशिशें बंद होनी चाहिए. बैठक में यह तय किया गया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर्स के साथ लगातार चर्चा करती रहेगी. मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा की गई कि अस्थायी क्रिप्टो मार्केट को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का हथियार नहीं बनने दिया जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी पर निगरानी जरूरी मानती है सरकार
सरकार का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी तकनीक है जो लगातार विकसित हो रही है. इसलिए इस पर कड़ी नजर रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि सरकार इस मुद्दे पर जो भी कदम उठाएगी, वह प्रोगेसिव और भविष्य को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे. चूंकि यह मामला देशों की सीमाओं से ऊपर है, इसलिए वैश्विक साझेदारी और साझा रणनीति भी बनाई जाएगी.