नई दिल्ली : अडाणी समूह की कंपनियों ने कहा है कि उन्हें रिश्वतखोरी के किसी भी आरोप पर अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) से कोई नोटिस नहीं मिला है। इससे पहले जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उच्च स्तर की पारदर्शिता को देखते हुए अडाणी समूह के लिए रिश्वतखोरी की गुंजाइश "लगभग असंभव" दिखती है।
अडाणी समूह ने शेयर बाजार को बताया कि उन्हें "आरोप के संबंध में न्याय विभाग से कोई नोटिस नहीं मिला है" और इस संबंध में मीडिया में आई "रिपोर्ट झूठी है"। ब्लूमबर्ग ने पिछले सप्ताहांत पर बताया था कि अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय और डीओजे के अभियोजक संभावित रिश्वतखोरी की जाँच के लिए अडाणी समूह की इकाई और एज़्योर पावर ग्लोबल पर नजर रख रहे हैं।
एक अलग फाइलिंग में अडाणी ग्रीन एनर्जी ने भी शेयर बाजार को बताया कि उसे कोई नोटिस नहीं मिला है, लेकिन "एक तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिका के भ्रष्टाचार रोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा जाँच के बारे में जानकारी है"।
अडाणी ग्रीन ने फाइलिंग में कहा, “कंपनी का उक्त तीसरे पक्ष के साथ कोई संबंध नहीं है और इसलिए वह वर्तमान में अमेरिका की जाँच के दायरे पर टिप्पणी करने में असमर्थ है कि कंपनी या उसके किसी कर्मचारी के खिलाफ तीसरे पक्ष के साथ कंपनी के कथित लेनदेन के संबंध में जाँच चल रही है या उसका नाम आ रहा है।“
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट में कहा गया था कि कुल मिलाकर, यह मानते हुए कि यह कंपनियों की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना से संबंधित है, “हम मानते हैं कि ऐसे प्रावधानों से भौतिक वित्तीय प्रभाव पड़ने की अत्यधिक संभावना नहीं है, भले ही रिपोर्ट की गई जाँच अभियोजन चरण और उसके बाद रिश्वतखोरी साबित होने तक पहुँच जाए"।
रिपोर्ट में कहा गया था, "भारत में जारी विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा निविदाओं में शामिल उच्च स्तर की पारदर्शिता को देखते हुए, बड़े भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की गुंजाइश बहुत कम लगती है।"
--आईएएनएस