कोयला खदानों के लिए लागू होगी नई तकनीक, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा बढ़ावा

Update: 2022-02-20 17:46 GMT

सरकार कोयला खदानों के लिए नई तकनीक पेश करने की योजना बना रही है। सरकार ने इसके लिए एक रोड मैप जारी किया है, जिसमें उसने बताया है कि वह कोयला खनन में नई तकनीक लागू कर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगी। इसके माध्यम से कोयला खनन गतिविधि पर उचित रूप से नजर रखी जा सकेगी। खनन परियोजनाओं की परिचालन क्षमता बढ़ेगी, जिससे वर्तमान और भविष्य में कोयला खनन को बढ़ावा मिलेगा। इससे कोयले के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी।

नई तकनीक लागू होने के बाद नए पारिस्थितिकी तंत्र (स्टार्ट-अप, अनुसंधान संस्थान) की पहुंच होगी। आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को एक अरब टन उत्पादन करना होगा। नई तकनीक पर्यावरण संरक्षण, खदान श्रमिकों की सुरक्षा और महिलाओं के लिए अवसरों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

अब बढ़ेगी कोयले की मांग

पिछले 4 दशकों में देश में ऊर्जा की खपत में 700% की वृद्धि हुई है। जिससे कोयले की मांग बढ़ गई है। इस बढ़ती मांग का कारण बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती जनसंख्या और जीवन की गुणवत्ता में सुधार है। कोयले के अलावा अन्य ऊर्जा स्रोतों में सीमित क्षमता है, इसलिए कोयले पर हमारी निर्भरता अगले कुछ वर्षों तक बनी रहेगी।

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