नया नियम! पेंशनर्स के लिए अब 'Life Certificate' नहीं देना होगा, जानिए

Life Certificate Submission: सरकार ने पेंशन होल्डर्स के लिए ‘लाइफ सर्टिफिकेट' (Life Certificate) के प्रमाण के रूप में चेहरा पहचानने वाली ‘स्पेसिफिक’ तकनीक 'face recognition system' को पेश किया है. आइए जानते हैं ये कैसे काम करेगी?

Update: 2021-11-30 07:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पेंशनर्स के लिए सरकार ने सराहनीय पहल की है. केंद्र सरकार ने पेंशनर्स के लिए 'लाइफ सर्टिफिकेट' के प्रूफ के तौर पर अब नई तकनीक 'फेस रिकग्निशन' जारी किया है. इसके तहत अब पेंशनर्स को लाइफ सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत नहीं होगी. अब चेहरा देखते ही उनका 'लाइफ सर्टिफिकेट' प्रमाण जमा हो जाएगा.

दरअसल, फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (Face Recognition) चेहरा पहचानने वाली एक खास टेक्निक है. कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने इसे लॉन्च करते हुए कहा, 'इससे रिटायर्ड और बुजुर्ग पेंशनर्स को काफी सहूलियत होगी. चेहरा पहचानने वाली इस टेक्नोलॉजी की मदद से पेंशनर्स के जीवित होने की पुष्टि की जा सकेगी.
पेंशनर्स को होगी आसानी
गौरतलब है कि सभी पेंशनर्स को साल के एंड में अपना लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) सब्मिट करना होता है. ये सर्टिफिकेट प्रूफ होता है कि पेंशनर जीवित हैं और इसी आधार पर रिटायर्ड और बुजुर्ग पेंशनर्स की पेंशन जारी रखी जाती है. कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एक ट्वीट कर कहा कि 'यूनीक़ 'face recognition technology' लॉन्च किया, जिससे देश में करोड़ों पेंशनधारकों को आसानी से एक मोबाइल ऐप के जरिए लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) सब्मिट करने में मदद मिलेगी.'
राज्यमंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार पेंशनर्स की जरूरतों को लेकर संवेदनशील रही है और उनकी जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश करती रही है. साल 2014 में सत्ता में आने के बाद सरकार ने पेंशनर्स के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा शुरू की थी. अब चेहरा पहचानने वाली इस टेक्नोलॉजी से उन्हें और भी मदद मिलेगी.'
लाखों पेंशनर्स को मिलेगा फायदा
राज्यमंत्री ने बताया कि लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) देने के लिए चेहरा पहचानने वाली इस टेक्नोलॉजी की शुरुआत एक ऐतिहासिक और दूरगामी सुधार है. इससे न केवल केंद्र सरकार (Central Government) के 68 लाख पेंशनर्स को बल्कि EPFO और राज्य सरकारों से पेंशन पाने वाले लोगों को भी फायदा होगा.'
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने बयान जारी कर, इस मौके पर राज्यमंत्री ने इस तकनीक को सामने लाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ ही विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को धन्यवाद दिया है.


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