NETFLIX ने पासवर्ड शेयरिंग पर लगाया लगाम, जानिए आखिर क्या है वजह
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन लगा था
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन लगा था. घरों में बंद हो चुके लोगों ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर खूब समय बिताया. यही कारण रहा कि 2020 में पॉपुलर ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के सब्सक्राइबर्स की संख्या में रिकॉर्ड 37 फीसदी का इजाफा हुआ. भारत में नेटफ्लिक्स के क्रेज़ ने टाइगर किंग और मनी हाइस्ट जैसे शो को बेहद पॉपुलर बना दिया. पिछले साल नेटफ्लिक्स का रेवेन्यू बढ़कर 25 अरब डॉलर हो गया है, जबकि उसका कुल मुनाफ ही 2.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया. 72.45 की दर से भारतीय रुपये में यह क्रमश: 1,811 अरब और 202 अरब रुपये हुए.
लेकिन, इस जबरदस्त परफॉर्मेंस के बाद भी अब नेटफ्लिक्स पासवर्ड शेयरिंग पर लगाम लगाने का ऐलान कर चुका है. मार्च महीने में ही कई यूजर्स को मैसेज आए कि अगर वे अपना अकाउंट इस्तेमाल नहीं कर रहे तो उन्हें नेटफ्लिक्स पर अपना फेवरेट शो देखने को नहीं मिलेगा. यूजर्स को दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के जरिए अपना अकाउंट रजिस्टर कराना पड़ रहा है. अकाउंटाहोल्डर्स के फोन या ई-मेल पर एक कोड भेज कर वेरिफिकेशन का प्रोसेस पूरा हो रहा है.
नेटफ्लिक्स ने स्पष्ट कर दिया है कि जिसके पास अकाउंट होगा, वही लोग अब उसके प्लेटफॉर्म पर शो व फिल्में देख सकेंगे. हालांकि, यह अभी टेस्टिंग फेज़ में ही है. कंपनी ने अभी भी इस पर कोई पुख़्ता फैसला नहीं लिया है.
आखिर नेटफ्लिक्स ऐसा क्यों कर रहा है?
नेटफ्लिक्स की शर्तों और सर्विसेज में साफ लिखा गया है कि अकाउंट व्यक्तिगत और नॉन—कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए है. इसके लिए इस्तेमाल होने वाले पासवर्ड परिवार के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, यह भी साफ है कि पासवर्ड शेयरिंग पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है. यह भी साफ नहीं है कि कैसे कई यूजर्स प्लेटफॉर्म के नियम व शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं.
यूज़र प्राइवेसी का खतरा
2019 में नेटफ्लिक्स के प्रोडक्ट हेड ग्रेट पीटर्स ने भी पासवर्ड शेयरिंग की समस्या को माना था. उन्होंने कहा था कि यूजर्स अपने परिवार और दोस्तों के साथ पासवर्ड शेयर करते हैं. पासवर्ड शेयरिंग नये डिवाइस पर वेरिफिकेशन को रोकना मुश्किल है. इससे यूज़र्स की प्राइवेसी और डिजिटल सिक्योरिटी का भी खतरा बढ़ता है. दो स्टेप वेरिफिकेशन के जरिए कम से कम यह तय हो जाता है कि प्रमुख अकाउंटहोल्डर को यह पता होता कि उनका अकाउंट शेयर हो रहा है.
दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से मिल रही कड़ी टक्कर
पासवर्ड शेयरिंग की समस्या नेटफ्लिक्स समेत अन्य सब्सक्रिप्शन वाली वेबसाइटों की सबसे बड़ी चुनौती है. लेकिन अचनाक से नेटफ्लिक्स ने ऐसा फैसला क्यों लिया? दरअसल, अब महामारी खत्म हो रहा है. साथ ही नेटफ्लिक्स को नये ग्राहकों को जोड़ने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है. खासतौर पर एक ऐसे समय में, जब दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से उसे कड़ी टक्कर मिलने लगी है. अभी नेटफ्लिक्स के ओरिजिनल सीरीज का बोलबाला तो है, लेकिन अब इसमें गिरावट आ रही है. माना जा रही है कि Disney+ 2025 तक नेटफ्लिक्स को पीछे छोड़ देगा. जानकारों का भी कहना है कि नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन कम होना ही 2021 में उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है.