नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने जी एंटरटेनमेंट एंटप्राइजेज लिमिटेड (जेडईईएल) और सोनी पिक्चर्स के विलय को अपनी मंजूरी दी है। जी और सोनी ने दिसंबर 2021 में मर्जर का एलान किया था। अब एनसीएलटी की ओर से जी एंटरटेनमेंट-सोनी के मर्जर को मंजूरी दे दी गई है। ट्रिब्यूनल ने बीते 10 जुलाई को इस मामले में अपने आदेश को रिजर्व रखा था। गुरुवार को ट्रब्युनल ने सभी आपत्तियों को खारिज करते विलय को अपनी झरी झंडी दे दी है। एनसीएलटी के इस फैसले के बाद कंपनी के शेयरों में लगभग 10 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है।
आइए जानते हैं जी और सोनी के मर्जर से जुड़ी 10 बड़ी बातें
जी और सोनी ने दिसंबर 2021 में कारोबार का विलय करने पर सहमति जताई थी।
शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स एनएसई और बीएसई और नियामक सेबी और सीसीआई से बाद दोनों कंपनियों ने आखिरी मंजूरी के लिए ट्रिब्यूनल का रुख किया था।
एनसीएलटी से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी के शेयरों में 16% तक की तेजी दर्ज की गई।
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया लंबे समय से भारत में मनोरंजन के कारोबार से जुड़ी है। कंपनी ने भारत में सबसे पहले 1995 में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन लॉन्च किया था। वहीं ZEEL ने अपना पहला चैनल जी टीवी 2 अक्टूबर 1992 को शुरू किया किया था।
ZEEL पर लंबे समय से एस्सेल ग्रुप का नियंत्रण था, लेकिन एस्सेल पर खुद का लगभग 17,000 करोड़ रुपए का कर्ज था।
जानकारों का मानना है कि जी और सोनी के विलय से मनोरंजन जगत में कंपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी और राजस्व में इजाफा होगा। माना जा रहा है कि डिजिटल इकोसिस्टम में भी कंपनी अपना दखल बढ़ाएगी। अमेजन और नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी टक्कर देने की तैयारी है।
जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया विलय के बाद बनने वाली कंपनी में 11,605.94 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
मर्जर के बाद जी एंटरटेनमेंट के पास 47.07 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी जबकि सोनी पिक्चर्स के पास 52.93 प्रतिशत का मालिकाना हक होगा। मर्जर कंपनी को भी शेयर मार्केट में लिस्ट कराया जाएगा।
दोनों कंपनियों के विलय के साथ टीवी कारोबार, डिजिटल एसेट्स, प्रोडक्शन ऑपरेशंस और प्रोग्राम लाइब्रेरी को भी मर्ज करने की तैयारी है जेडईईएील और एसपीएनआई के बीच एक्सक्लूसिव नॉन-बाइंडिंग टर्म शीट का करार हुआ है।
डील के अनुसार मौजूदा प्रमोटर फेमिली जी के पास कंपनी में अपनी शेयरों की हिस्सेदारी चार प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का विकल्प मौजूद होगा। दूसरी ओर, बोर्ड में ज्यादातर निदेशकों को चुनने करने का अधिकार सोनी समूह के पास होगा।