किसान आंदोलन के बीच मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी को किया जा रहा टारगेट, जानें क्यों

अंबानी और अडाणी की संपत्ति में 40 अरब डॉलर इजाफा

Update: 2021-01-17 15:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। किसान आंदोलन पिछले कई महीनों से जारी है. फार्म बिल का विरोध कर रहे हजारों किसान इस कड़ाके की ठंड में पिछले करीब 50 दिनों से दिल्ली की सीमा पर डंटे हुए हैं. सरकार के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही है. इस आंदोलन के बीच देश के दो मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी का नाम बार-बार आ रहा है. प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि मोदी सरकार के नए कानून से इन दो उद्योगपतियों को काफी फायदा होगा.


विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि इस कानून के लागू होने के बाद मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपति किसान बन जाएंगे और हम किसानों का विनास हो जाएगा. वहीं इन उद्योगपतियों का साफ-साफ कहना है कि उनका खेती में आने का कोई इंट्रेस्ट नहीं है. बता दें कि पिछले दिनों जियो के सैकड़ों टॉवर को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने तोड़ दिया था. इस घटना के बाद इन कंपनियों ने बयान जारी कर कहा था कि वे लोग कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बिजनेस में नहीं हैं, और ना ही भविष्य में उनकी इसमें आने की योजना है.
अंबानी और अडाणी की संपत्ति में 40 अरब डॉलर इजाफा
जो राजनीतिक पार्टियां या किसान इस बिल का विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि सरकार का इनके साथ गठजोड़ है. 2020 में एक तरफ लाखों लोगों की नौकरी चली गई, जबकि अंबानी और अडाणी की संपत्ति में 40 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा हुआ. 2900 अरब डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगा रही है, जबकि अंबानी को 20 अरब से ज्यादा का निवेश महज कुछ महीनों में आ गया.

रिलायंस फ्रेश किसानों से डील करती है
विरोध कर रहे किसान अगर अंबानी को टार्गेट कर रहे हैं तो इसकी एक वजह भी है. जियोमार्ट के जरिए मुकेश अंबानी रिटेल मार्केट और ई-कॉमर्स की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. रिलायंस फ्रेश सीधा किसानों से डील करती है. दूसरी तरफ अडाणीका फॉर्च्यून ब्रांड आटा, मैदा, बेसन से लेकर खाने के तेल बेचने तक के बिजनस में हैं. इसके अलावा अडाणी अनाज के कोल्ड स्टोरेज बिजनेस में भी हैं.

रिटेल बाजार 1200 अरब डॉलर के पार
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत का रिटेल बाजार करीब 1200 अरब डॉलर यानी 1.2 ट्रिल्यन डॉलर का है. अगले पांच सालों में यानी 2026 तक यह 1.75 ट्रिल्यन डॉलर यानी 1750 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा. वहीं, इस साल ई-कॉमर्स का बाजार 84 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है जो 2017 में महज 24 अरब डॉलर का था. यह डेलॉयट की रिपोर्ट में दावा किया गया है. मुकेश अंबानी कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनके लिए रिटेल और ई-कॉमर्स अब सबसे महत्वपूर्ण बिजनेस है. वह अपने प्लैटफॉर्म से देश के छोटे-छोटे दुकानदारों और किसानों को जोड़ना चाहते हैं. ऐसे में किसानों का डर लाजिमी भी है.

Oxfam की रिपोर्ट से मुश्किल
Oxfam report की जनवरी 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 1 फीसदी अमीर लोगों के पास देश के 95 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति की चार गुना संपत्ति है. ये 95 करोड़ लोग देश की 70 फीसदी गरीब जनता है. देश के 9 सबसे अमीर लोगों के पास भारत के 50 फीसदी गरीब लोगों के बराबर की संपत्ति है.


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