5 ट्रिल्यन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा करने के लिए टाटा, अंबानी के साथ मिलकर मोदी तैयार कर रहे मास्टर प्लान
कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और 5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य पूरा करने के लिए मोदी सरकार निवेशकों को लुभाने का लगातार प्रयास कर रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और 5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य पूरा करने के लिए मोदी सरकार निवेशकों को लुभाने का लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को वर्चुअल ग्लोबल इन्वेस्टर्स राउंडटेबल (Virtual Global Investor Roundtable 2020) का आयोजन किया गया है। इस राउंडटेबल में रतन टाटा, मुकेश अंबानी, नंदन नीलेकणि और उदय कोटक जैसे इंडस्ट्रियलिस्ट शामिल होंगे।
5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य
भारत को 5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए इसमें विश्व के बड़े-बड़े इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स को बुलाया गया है। इस राउंडटेबल समिट में विश्व के बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स, सॉवरेन वेल्थ फंड और पेंशन फंड के प्रमुखों शामिल होंगे। यह जानकारी आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने दी है।
420 लाख करोड़ का फंड मैनेज करते हैं
आकार की बात करें तो ये मिलाकर 6 लाख करोड़ डॉलर यानी 420 लाख करोड़ रुपये के फंड को मैनेज करते हैं। यह भारत की इकॉनमी से दो गुना से भी ज्यादा है। भारत की इकॉनमी का आकार 200 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि कोरोना के कारण इस साल इसमें काफी संकुचन आने वाला है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और फाइनैंशल मार्केट रेग्युलेटर के बड़े-बड़े अधिकारी शामिल होंगे।
ये निवेशक और फंड शामिल
तरुण बजाज ने कहा कि इस समिट में अमेरिका, यूरोप, कनाडा, साउथ कोरिया, जापान, मिडिल ईस्ट के ग्लोबल इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स शामिल होंगे। इसके अलावा Temasek, ऑस्ट्रेलियन सुपर, CDPQ, CPP इन्वेस्टमेंट्स, GIC, फ्यूचर फंड, जापान पोस्ट बैंक, जापान बैंक फॉर इंटरनैशनल को-ऑपरेशन, कोरियन इन्वेस्टमेंट, निप्पॉन लाइफ, मुबाडला जैसे फंड के अधिकारी इसमें शामिल होंगे।
ये होंगे 6 देश के दिग्गज
45 तेल कंपनियों के सीईओ संग हुई थी बैठक
इससे पहले पीएम मोदी ने दुनिया की दिग्गज तेल एवं गैस कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ चर्चा की थी। उस गोलमेज बैठक में प्रमुख तेल एवं गैस कंपनियों के करीब 45 सीईओ शामिल हुए थे। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये 2030 तक यहां तेल एवं गैस क्षेत्र में 300 अरब डॉलर (21 लाख करोड़) से अधिक निवेश होने का अनुमान है। इस लिहाज से बैठक महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री 26 अक्टूबर को यह कार्यक्रम किए थे।