विनिवेश पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला BPCL-SCI की बिक्री पर कैबिनेट की मुहर
नई दिल्ली (ए.)। सरकारी कंपनियों में विनिवेश के मोर्चे पर मोदी सरकार तेजी से फैसले ले रही है। सरकार ने बीपीसीएल समेत पांच कंपनियों के विनिवेश का फैसला किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन कंपनियों में मैनेजमेंट कंट्रोल भी सरकार ने छोडऩे का फैसला किया है। बड़ी बात यह है कि नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन में सौ फीसदी विनिवेश होगा। सरकार ने कॉनकॉर में 30.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है।
बीपीसीएल और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन के अलावा जिन और तीन कंपनियों में विनिवेश का फैसला किया गया है, वे हैं शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और टीएचडीसीआईएल। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि भारत पेट्रोलियम लिमिटेड का रणनीतिक विनिवेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल के विनिवेश से नुमालीगढ़ रिफाइनरी को अलग रखा गया है, इसमें सरकार विनिवेश करेगी। सरकार ने बीपीसीएल में 53.29 फीसदी हिस्सेदारी के विनिवेश का फैसला किया है, इसमें नुमालीगढ़ रिफाइनरी की 61 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है।
इसी के साथ ही वित्त मंत्री ने कहा है कि प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच 1.2 लाख मीट्रिक टन प्याज के आयात को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। दरअसल मुनाफे में चल रही भारत पेट्रोलियम का हिस्सा बेचने से सरकार को करीब 60,000 करोड़ रुपये की मोटी रकम मिल सकती है। दरअसल कैबिनेट की बैठक से पहले वित्त मंत्री ने कहा था कंपनियों का विनिवेश मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा।