MH: सांगली में भाव नहीं मिलने से परेशान किसान ने एक ट्रॉली शिमला मिर्च बाटी मुक्त में

महाराष्ट्र के किसान इन दिनों भाव न मिलने की समस्या से परेशान हैं. कहीं टमाटर (Tomato) का भाव नहीं मिल रहा है तो कहीं प्याज (Onion) का. अब ताजा मामला आया है शिमला मिर्च का. भाव नहीं मिलने पर सांगली जिले के एक किसान ने एक ट्रॉली शिमला मिर्च (Capsicum) बाजार में ले जाकर फ्री में बांट दी.

Update: 2021-08-24 12:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-   महाराष्ट्र के किसान इन दिनों भाव न मिलने की समस्या से परेशान हैं. कहीं टमाटर (Tomato) का भाव नहीं मिल रहा है तो कहीं प्याज (Onion) का. अब ताजा मामला आया है शिमला मिर्च का. भाव नहीं मिलने पर सांगली जिले के एक किसान ने एक ट्रॉली शिमला मिर्च (Capsicum) बाजार में ले जाकर फ्री में बांट दी. इसे किसान के विरोध का तरीका कहिए या फिर उसकी मजबूरी, लेकिन सच यही है कि कई फसलों की लागत भी किसानों को नहीं मिल रहा है, जिससे वे हताश और परेशान हैं. जबकि, सरकार रोजाना कह रही है कि किसानों की आय (Farmers Income) 2022 में दोगुनी हो जाएगी. किसानों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो आय कागजों में ही बढ़ पाएगी.

भीमराव सालुंखे, सांगली (Sangli) जिले के कडेगांव तालुका के तहत आने वाले कुंभार गांव के रहने वाले हैं. अच्छी कमाई की उम्मीद में उन्होंने शिमला मिर्च की खेती की थी. लेकिन जब फसल तैयार हुई तो दाम गिर गया. शहरों में उपभोक्ताओं को अब भी महंगा शिमला मिर्च मिल रहा है. अलग-अलग शहरों के रिटेल बाजारों में इसकी कीमत 40 से 60 रुपये किलो तक है. दिल्ली की आजादपुर मंडी (Azadpur Mandi) में इसका थोकदाम सोमवार को 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक है.
सिर्फ 4 रुपये किलो का मिल रहा है रेट
सालुंखे ने अपने खेत से निकाली हुई लगभग एक ट्रॉली शिमला मिर्च अंबक, चिंचणी, देवराष्ट्रे, मोहिते वडगांव, कुंडल आदि जगहों पर जाकर लोगों को मुफ्त में बांटा. लोगों को यह बताने की कोशिश की कि किसानों की क्या दशा हो गई है. उन्हें मार्केट में सिर्फ 4 रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है. जबकि, व्यापारी मुंबई में 1800 और भुसावल की मंडी में 2200 रुपये प्रति क्विंटल के थोक रेट पर इसकी बिक्री कर रहे हैं. दरअसल, किसानों की मेहनत का असली फसल बिचौलिए और व्यापारी और रिटेलर खा रहे हैं.
बाढ़ से तो फसल बच गई, दाम से मारी गई
पिछले दिनों सांगली जिले ने भयंकर बाढ़ (Flood) का सामना किया. तमाम किसानों की खेती चौपट हो गई. ऊंचाई पर खेती होने की वजह से सालुंखे की फसल बच गई थी. लेकिन अब उन खेतों में पैदा हुई सब्जियों को बाजार में दाम नहीं मिल रहा है.
सांगली जिले के किसान पुणे और मुंबई के मंडी में सब्जियां भेजते हैं. लेकिन मौजूदा हालात में शिमला मिर्च की आवक इन मंडियों में ज्यादा आने के कारण उन्हें व्यापारी सिर्फ 3 से 4 रुपए किलों का भाव दे रहे हैं. जिससे किसानों की लागत तो निकलना दूर मंडी तक सब्जी ले जाने के लिए गाड़ी का भाड़ा भी मुश्किल हो रहा है.
जबकि जब जनता खरीदने जाती है तो रिटेलर काफी अधिक दाम लेते हैं. ऐसे में किसान ने इसे बेचने और फेंकने की जगह लोगों में फ्री बांटने का फैसला लिया.
कुछ ही मिनट में खत्म हो गई एक ट्रॉली शिमला मिर्च
शिमला मिर्च उत्पादक किसान भीमराव सालुंखे ने मुफ्त में बांटना शुरू किया तो कुछ ही मिनटों में पूरी ट्रॉली खाली हो गई. लोगो की भीड़ जमा हो गई. सालुंखे ने कहा कि इन दिनों किसान बहुत ज्यादा परेशान हैं क्योंकि उन्हें सब्जियों की सही कीमत नहीं मिल रही. शिमला मिर्च के भाव (Capsicum Price) इन दिनों रिटेल में 40 से 60 रुपये प्रति किलो है. जबकि व्यापारी उन्हें सही दाम नहीं देते.


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