फार्मास्यूटिकल मैनेटमेंट में एमबीए करके बना सकते हैं शानदार करियर
Career in Pharmacy: फार्मा सेक्टर पहले से भी लगातार ग्रोथ करने वाला रहा है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में ग्रोथ की रफ़्तार तेज है। अगर आप भी इस सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं तो फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट कोर्स कर लें।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के बाद फार्मा इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. अन्य क्षेत्रों की तरह फार्मा सेक्टर भी खुद को फ्यूचर के लिए तैयार कर रहा है. रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं. इस वजह से फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट (Pharmaceutical Management) का कोर्स काफी लोकप्रिय हो रहा है. इस फील्ड में आकर्षक वेतन के अलावा तरक्की की संभावनाएं भरपूर हैं. फार्मा सेक्टर पहले से भी लगातार ग्रोथ करने वाला रहा है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में ग्रोथ की रफ़्तार तेज है. अगर आप भी इस सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं तो फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट कोर्स कर लें. यह कोर्स करियर ग्रोथ के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा.
फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट क्या है?
फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट एक एमबीए (MBA) कोर्स है. मेडिसिन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र इसे काफी पसंद कर रहे हैं. इस कोर्स के दौरान फार्मा कॉन्सेप्ट्स के साथ प्रबंधन यानि मैनेजमेंट भी पढ़ाया जाता है. इसमें हेल्थ और केमिकल साइंस के साथ मेडिसिन के उपयोग और उसकी सुरक्षा के बारे में बताया जाता है. कोर्स के दौरान मेडिसिन डेवलपमेंट, रिसर्च, फार्मा एडमिनिस्ट्रेशन और नर्सिंग की जानकारी दी जाती है. छात्रों को एंटरप्राइज मैनेजमेंट, एडवांस बिज़नेस कॉन्सेप्टस और फार्मा मैनेजमेंट पढ़ाए जाते हैं.
फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट स्कोप
यह कोर्स उम्मीदवार को फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में मैनेजर लेवल के पदों के लिए तैयार करता है. कोर्स पूरा करने के बाद आप ऑपरेटिंग मैनेजमेंट तकनीक, प्लानिंग, कंसल्टेन्सी स्किल और प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं को हल करने में सक्षम हो जाते हैं. आजकल दवाओं के वितरण, मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशंस सहित फार्मा मैनेजमेंट में स्किल्ड लोगों की मांग में काफी तेजी आ गई है. इसलिए इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र के लिए कुशल और प्रभावी पेशेवरों का निर्माण करना है.
आजकल फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री देश में टॉप प्रोफेशनल करियर ऑप्शंस में से एक है. इस फील्ड में उम्मीदवारों को नौकरी के बहुत सारे अवसर मिलते हैं. रिसर्च के अलावा कुशल प्रबंधन के लिए योग्य लोगों की जरूरत हमेशा बनी रहती है. कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार सरकारी विभागों, रिसर्च इंस्टीट्यूट्स, यूनिवर्सिटीज, फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री, मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में नौकरी पा सकते हैं. फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट में मास्टर कोर्स करने के बाद कई प्रतिष्ठित कॉलेजों या यूनिवर्सिटीज में प्रोफेसर या लेक्चरर के तौर पर आसानी से नौकरी मिल जाती है.
फार्मास्यूटिकल कोर्स और योग्यता
अगर आप इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट कोर्स करना करना होगा. देश में कई यूनिवर्सिटीज और कॉलेज डिप्लोमा, अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स का संचालन करते हैं. कोर्स रेगुलर और पत्राचार दोनों तरीके से किया जा सकता है.
कुछ टॉप फार्मास्यूटिकल कोर्स इस प्रकार हैं:
– डिप्लोमा इन फार्मा बिज़नेस मैनेजमेंट
– मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) इन फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट
– एग्जीक्यूटिव एमबीए इन फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट
– पीजी डिप्लोमा इन फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट
– एमबीए इन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री मैनेजमेंट
– पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट
– पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट
उम्मीदवार अपनी योग्यता के आधार पर इनमें से कोई भी कोर्स कर सकते हैं. कोर्स सेलेक्ट करने से पहले अपनी पात्रता की जांच जरूर कर लें. अगर आप अंडरग्रेजुएट कोर्स करना चाहते हैं तो आप किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50% अंकों के साथ 12वीं या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आवेदन कर सकते हैं. पीजी कोर्स के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज से संबंधित विषय में स्नातक की डिग्री आवश्यक है.
एडमिशन प्रोसेस (Admission Process)
जो छात्र MBA प्रोग्राम में एडमिशन लेना चाहते हैं, उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली CAT, MAT आदि परीक्षाओं में बैठने की आवश्यकता है. अगर आप फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट में MBA देश के किसी भी भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) से करना चाहते हैं तो आपको CAT या कॉमन एडमिशन टेस्ट परीक्षा पास करनी होगी. एक और प्रवेश परीक्षा मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (MAT) पूरे भारत में आयोजित की जाती है. कई मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट MAT के आधार पर दाखिला देते हैं. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के दौर से भी गुजरना पड़ता है.
इन दो परीक्षाओं के अलावा CMAT, SNAP और NMAT जैसी अन्य परीक्षाएं भी आयोजित होती हैं. अक्सर निजी प्रबंधन संस्थानों या राज्य सरकारों द्वारा उनकी चयन प्रक्रिया के एक भाग के रूप में इन परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. एमबीए फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट के छात्र इन परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं.
कितनी होगी कमाई?
प्रशिक्षित लोगों की मांग देखते हुए इस क्षेत्र में वेतन भी काफी तेजी से बढ़ रहा है. एमबीए (फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट) करने के बाद एंट्री लेवल पर सालाना पैकेज लगभग 2.5 से 3.5 लाख है. हालांकि कई बार एंट्री लेवल पर 15 से 20 लाख का पैकेज भी ऑफर किया जाता है. दरअसल एम्प्लॉयर और आपके संस्थान पर पैकेज निर्भर करता है. अगर आपके पास इस क्षेत्र में अच्छा अनुभव है तो सीनियर पोस्ट और अच्छा पैकेज आसानी से मिल जाता है.
प्रमुख संस्थान (Top Institutes)
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग, लखनऊ
– जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कॉमर्स एंड ट्रेड, लखनऊ
– महात्मा ज्योतिबा फुले यूनिवर्सिटी, जयपुर
– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (NIPER), पंजाब
– एपिक इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ केयर स्टडीज, नई दिल्ली
– इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुणे
– एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई
– नरसी मुंजे इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
– जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च, बंगलुरू