मारुति सुजुकी ने ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए बंद किया हरियाणा प्लांट, इस शहर का कारखाना भी होगा बंद

इस शहर का कारखाना भी होगा बंद

Update: 2021-04-28 13:14 GMT

मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने बुधवार को घोषणा की है कि वह स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए 1 से 9 मई 2021 के बीच हरियाणा में कंपनी के संयंत्रों में कारों का उत्पादन बंद कर देगी.

कार निर्माता का दावा है, मारुति सुजुकी अपने कारखानों में ऑक्सीजन की थोड़ी मात्रा का उपयोग करती है जबकि मैनुफैक्चरर अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में ऑक्सीजन उपयोग करते हैं. कार निर्माता का कहना है कि वर्तमान में, सभी उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग जीवन को बचाने के लिए किया जाना चाहिए. इसलिए, ऑटो कंपनी ने जून 2021 से मई की शुरुआत तक अपने सालाना मेंटेनेंस बंद रखने को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. देश की सबसे बड़े वाहन निर्माता ने सूचित किया कि सभी कारखानों में उत्पादन इस अवधि के दौरान मेंटेनेंस बंद हो जाएगा. मारुति सुजुकी मोटर गुजरात ने भी अपने कारखाने के लिए यही फैसला लिया है.
हुंडई ने की ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा
इस बीच, हुंडई ने भी घोषणा की है कि यह अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने में मदद करेगा. दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता ने घोषणा की है कि वह अपने हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (HMIF) के माध्यम से 20-करोड़ के कोविड -19 राहत पैकेज के साथ मदद करेगा. इस राशि का उपयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे कुछ सबसे प्रभावित राज्यों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए किया जाएगा.
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण भारत गंभीर संकट का सामना कर रहा है. कोविड रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण चिकित्सा सुविधाओं में तेजी से ऑक्सीजन की कमी हुई है. इस बीच कई औद्योगिक क्षेत्र जो अपने संचालन के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, उन्हें चिकित्सा क्षेत्रों में जीवन रक्षक गैस को डाइवर्ट करते के लिए निर्देशित किया गया है.
सरकार ने लिक्विड ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर लगाई रोक
जीवन रक्षक गैस की भारी कमी के मद्देनजर, भारत सरकार ने औद्योगिक उद्देश्यों के लिए लिक्विड ऑक्सीजन के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी उद्योग को लिक्विड ऑक्सीजन के उपयोग के संबंध में किसी भी अपवाद की अनुमति नहीं है. सरकार ने केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए लिक्विड ऑक्सीजन का उपयोग करने का फैसला किया है, जिसमें मौजूदा स्टॉक भी शामिल है.
जाहिर है अमेरिका के बाद भारत कोरोना वायरस से प्रभावित दूसरा देश है. फिलहाल देश में कोरोना के मामलों की संख्या 1.79 करोड़ से अधिक हो गई है.


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