मनमोहन बनाम मोदी सरकार...आर्थिक मोर्चे पर NDA सरकार ने UPA को पछाड़ा

समझे पूरा आंकड़ा।

Update: 2022-01-31 13:42 GMT

नई दिल्लीः देश के अधिकतर लोगों का मानना है कि कोरोना महामारी और उसके बाद पैदा हुए आर्थिक संकट ने उनके लिए काफी बदतर हालात पैदा कर दिए हैं . लेकिन जब आर्थिक नीतियों और प्रदर्शन की बात आती है, तो उन्होंने लगातार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार (एनडीए) के प्रदर्शन को पिछली संयुक्त प्रगतिशील सरकार की तुलना में उच्च दर्जा दिया है.

पीएम मोदी-निर्मला सीतारमण की जोड़ी का प्रदर्शन
आईएएनएस-सीवोटर द्वारा केंद्रीय बजट से पहले किए गए राष्ट्रव्यापी ट्रैकर पोल के अनुसार इसमें शामिल लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-निर्मला सीतारमण की जोड़ी की प्रदर्शन रेटिंग 2020 के 33.9 प्रतिशत से गिरकर 2022 में 25.6 प्रतिशत हो गई. इससे पहले 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके सहयोगी प्रणब मुखर्जी की जोड़ी ने 24.7 प्रतिशत का सम्मानजनक स्तर बरकरार रखा था.
यूपीए सरकार के कार्यकाल का अंतिम वर्ष
अगर आंकडों और इसके आधार पर प्रदर्शन की बात की जाए तो संप्रग (यूपीए) शासन के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था का खराब प्रदर्शन रहा था. इससे उम्मीद से बेहतर रेटिंग 2010 के 24.9 प्रतिशत से गिरकर 2013 में 5.8 प्रतिशत हो गई. यह संप्रग (यूपीए) सरकार के कार्यकाल का अंतिम वर्ष था जब वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बजट पेश किया था.
भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा हाल
कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा हाल हो गया था और सकल घरलू उत्पाद में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई थी. इससे उम्मीद से बेहतर रेटिंग 2020 के 33.9 प्रतिशत से गिरकर 2022 में 25.6 प्रतिशत हो गई. पिछले 13 वर्षों में सर्वश्रेष्ठ रेटिंग 38.5 प्रतिशत उस समय थी जब अरुण जेटली वित्त मंत्री थे.
80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त अनाज दिया गया
विश्लेषकों ने बजट से पहले और बाद की रेटिंग में इस स्पष्ट अंतर का श्रेय वर्तमान सरकार की उस तत्परता को दिया जिसकी वजह से त्वरित गति से काम किया था. दुनिया की सबसे बड़ी कल्याणकारी योजना मार्च 2020 में उस वक्त शुरू की गई थी जब 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त अनाज दिया गया था. यह योजना मार्च 2022 में समाप्त होने वाली है.
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