पुरानी बाइक या स्कूटर को बनाएं इलेक्ट्रिक, पेट्रोल की टेंशन हमेशा के लिए होगी खत्म
जिसके जरिए आप अपनी पेट्रोल बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल सकते हैं. इससे पेट्रोल का खर्च पूरी तरह खत्म हो जाएगा और बाइक का मेंटेनेंस भी सस्ता पड़ेगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं जिससे कारें और बाइक्स मेंटेन करना लोगों के लिए अब खर्चे वाला काम होता जा रहा है. ग्राहकों में इलेक्ट्रिक या वैकल्पिक ईंधन की ओर बढ़ने की चाह तो दिख रही है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन फिलहाल कुछ महंगे हैं और आम आदमी के बजट से कुछ बाहर हैं. ऐसे में हम आज आपको ऐसी कुछ बताने जा रहे हैं जिसके जरिए आप अपनी पेट्रोल बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल सकते हैं. इससे पेट्रोल का खर्च पूरी तरह खत्म हो जाएगा और बाइक का मेंटेनेंस भी सस्ता पड़ेगा.
पेट्रोल पर खर्च होगा समाप्त
अगर आप नया वाहन खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो अब भी कुछ इलेक्ट्रि्रक टू-व्हीलर्स हैं जो आपके बजट में समा जाएंगे. लेकिन अगर आपके पास पहले से कोई दो-पहिया है और आप इसपर होने वाले खर्च से परेशान हैं, तो आप इसे इलेक्ट्रिक बना सकते हैं. इसके लिए आपको टू-व्हीलर में इलेक्ट्रिक किट लगवाना होगा. हां अपने टू-व्हीलर को इलेक्ट्रिक बनाने के लिए आपको पैसा खर्च करना होगा, लेकिन एक बार इलेक्ट्रिक हो जाने के बाद आपको दो-पहिया सेविंग ही सेविंग करेगा. बता दें कि भारत में कई ऐसी जगहें हैं जहां से आप अपने बाइक या स्कूटर को इलेक्ट्रिक बनाकर एक चार्ज में 151 किमी तक रेंज पा सकते हैं.
कौन बनाएगा इन्हें इलेक्ट्रिक
भारत में कई ऐसी कंपनियां हैं जो ना सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन बनाती हैं, बल्कि पुराने सामान्य इंजन वाले टू-व्हीलर्स को भी इलेक्ट्रिक में बदलने का काम भी करती हैं. इनमें बाउंस इलेक्ट्रिक, जुइंक और गोगोए1 शामिल हैं. ये कंपनियां आपके मौजूदा टू-व्हीलर का इंजन और गियरबॉक्स निकालकर इसमें इलेक्ट्रिक किट लगा देती हैं और इस रेट्रो फिटिंग के बाद ये वाहन इलेक्ट्रिक बन जाता है.
कितना खर्च होगा
इलेक्ट्रिक किट लगवाने में एक बाइक के मुकाबले स्कूटर में बहुत कम खर्च आता है. वजह साफ है कि स्कूटर में बूट स्पेस अच्छा खासा होता है और इससे स्कूटर को इलेक्ट्रिक में बदलना बहुत आसान काम हो जाता है. सामान्य रूप से किसी भी आरटीओर अप्रूव्ड रेट्रोफिट इलेक्ट्रिक मोटर की कीमत 15,000 से 20,000 रुपये होती है. लेकिन असली चीज यानी बैटरी की लागत यहां अलग से ग्राहकों को देनी होती है जो कुछ ज्यादा होती है और ये बाइक की रेंज पर निर्भर करती है. हालांकि ये खर्च सिर्फ एक बार करना होता है और इसके बाद आपको दोबारा पेट्रोल की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती.