जानें कैसा शेयर बाजार का पूरा हफ्ता, सोमवार को इन कंपनियों के नतीजे आपको दिला सकते हैं लाभ
शेयर बाजार का पूरा हफ्ता
पिछले हफ्ते मिले-जुले ग्लोबल संकेतों और घरेलू स्तर पर कोरोना के बढ़ते मामलों का घरेलू शेयर पर असर देखने को मिला. पिछले हफ्ते के कारोबार में बाजार में कमजोरी रही. अमेरिका में बढ़ती महंगाई से ब्याज दरें बढ़ने की आशंका और देश में कोरोना प्रकोप के चलते राज्यों में लग रहे लॉकडाउन से निवेशकों का सेंटीमेट का प्रभावित हुआ. 14 मई समाप्त हुए हफ्ते में बीएसई सेसेंक्स 473.92 अंक यानी 0.96 फीसदी टूटकर 48732.55 के स्तर पर बंद हुआ है. वहीं निफ्टी 145.35 अंक यानी 0.98 फीसदी गिरकर 14677.8 के स्तर पर क्लोज हुआ.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर, इसकी रोकथाम के लिये कई राज्यों में लगाये गये लॉकडाउन और इसके कारण जीडीपी ग्रोथ और कंपनियों की इनकम और प्रॉफिट पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर निवेशक परेशान और सतर्क हैं.
FPI ने निकाले शेयर बाजार से निकाले 6,427 करोड़
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार से मई में अबतक 6,452 करोड़ रुपए निकाले हैं. कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) की दूसरी लहर के कारण निवेशक धारणा प्रभावित होने के बीच बाजार से निवेश राशि निकाली गयी. डिपॉजिटरी आंकड़े के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने 1 से 14 मई के बीच शेयर बाजारों से 6,427 करोड़ रुपए और 25 करोड़ रुपए बॉन्ड बाजार से निकाले.
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टॉप 8 कंपनियों का मार्केट कैप 1.13 लाख करोड़ घटा
पिछले हफ्ते बाजार में कमजोरी से देश की टॉप 10 वैल्युएबल कंपनियों में से 8 का कुल मार्केट कैप 1,13,074.57 करोड़ घट गया. सबसे ज्यादा नुकसान देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक को हुआ.
टॉप 10 वैल्युएबल कंपनियों में से केवल दो- रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) फायदे में रही.
इन सेक्टर्स में रही गिरावट
सेक्टोर इंडेक्स की बात करें तोपिछले हफ्ते के कारोबार में निफ्टी मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा कमजोरी दिखी. इसमें 4.5 फीसदी की गिरावट रही. इसके अलावा आईटी 2.6 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स भी 2.3 फीसदी टूटे.
हालांकि, इस दौरान निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 3.6 फीसदी और निफ्टी मीडिया इंडेक्स में 2.3 फीसदी की तेजी रही.