जानिए इनडोर केसर की खेती करने के फायदे

कश्मीर केसर की खेती के लिए मशहूर है. केसर की खेती से यहां के किसान प्रतिवर्ष लाखों रुपए की कमाई करते हैं

Update: 2021-12-19 17:26 GMT
कश्मीर केसर की खेती के लिए मशहूर है. केसर की खेती से यहां के किसान प्रतिवर्ष लाखों रुपए की कमाई करते हैं. पर कभी कभी मौसम की मार के कारण के किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए यहां के किसान अब केसर की इनडोर खेती करने की तकनीक सीख रहे हैं. इससे अच्छी पैदावार हो रही है. सबसे बड़ा फायदा यहा हो रहा है कि इनडोर फार्मिंग में उपजाए गए केसर की गुणवत्ता सबसे बेहतर होती है और इसके दाम भी अच्छे मिलते हैं.
इनडोर केसर की खेती करने के फायदे
इनडोर केसर की खेती घर के बंद कमरे में की जाती है, इसलिए किसानों को हर दिन खेत में देखने के लिए नहीं जाना पड़ता है. इसलिए हर रोज फार्म में जाने की मेहनत बच जाती है.
इनडोर खेती का दूसरा फायदा यह होता है कि यह बंद कमरे में की जाती है इसलिए इसमें जानवरों का खतरा नहीं रहता है, क्योंकि केसर के खेतो में पार्कोक्विन नामक जानवर आकर केसर को खोदकर उसके बीज को खा जाता है.
केसर की इनडोर फार्मिंग में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है. बस केसर का कार्म निकाल कर उसे बांस या लोहे के बनाए गए लेयर में रखना पड़ता है.
इनडोर फार्मिंग में छोटे से कमरे में भी बेहतर पैदावार हासिल होती है. इससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है.
इनडोर फार्मिंग बंद कमरे के अंदर की जाती है इसलिए इसमें मौसम में हो रहे बदलाव का ज्यादा असर नहीं होता है.
इनडोर फार्मिंग के जरिए ऊपजाए गए केसर की गुणवत्ता खुले वातावरण में उगाए गए केसर के बेहतर होती है, किसानों को इसके अच्छे दाम मिलते हैं.
कैसे होती है इनडोर फार्मिंग
केसर की इनडोर फार्मिंग करने वाले कश्मीर के किसान मजीद वानी बताते है कि केसर की इनडोर फार्मिंग के लिए एक ऐसे बंद कमरे की जरूरत होती है जो पूरी तरह अंधेरा रहता है. इनडोर फार्मिंग में इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि जिस कमरे में केसर की इनडोर फार्मिंग की जा रही है वहां पर रोशनी बिल्कुल नहीं पहुंच पाए. इनडोर फार्मिंग के लिए केसर के कार्म को तीन महीने तक बंद अंधेरे कमरे में रखा जाता है. तीन महीने बाद केसर हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है. इसके लिए 20 डिग्री तामपान की आवश्यकता होती है. कमरे में रोशनी आने पर केसर के खराब हो जाता है.
प्रयोग के तौर पर की थी शुरुआत
मजीद वानी बताते हैं कि सबसे पहले उन्होंने प्रयोग के तौर केसर के इनडोर फार्मिंग की शुरुआत की थी. फिर जब इसमें सफलता मिली तो दूसरे किसानों को भी इसके लिए जागरूक किया और प्रोत्साहित किया. अब यहां के कई किसान इनडोर फार्मिंग कर रहे हैं. इससे उन किसानों को भी फायदा हो रहा है जिनके पास खेती के लिए कम जमीन है. अब छोटे कमरे में भी केसर की खेती करके किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. यह तकनीक यहां के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है.
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