जानिए कैसे मिली रियालंस जियो लाने की प्रेरणा, मुकेश अंबानी ने किया खुलासा

भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने 2016 में रिलायंस जियो लाकर टेलिकॉम की दुनिया में तहलका मचा दिया था।

Update: 2020-10-20 10:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने 2016 में रिलायंस जियो लाकर टेलिकॉम की दुनिया में तहलका मचा दिया था। देश में करोड़ों लोगों को सस्ता डेटा मुहैया कराने का श्रेय मुकेश अंबानी को जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें इसकी प्रेरणा कहां से मिली। मुकेश अंबानी का कहना है कि उन्हें अपने पिता धीरूभाई अंबानी से इसकी प्रेरणा मिली थी।

अंबानी ने सोमवार शाम एक किताब के विमोचन के मौके पर कहा कि एक बार मुंबई में उनके पिता के हाथ में एक पोस्टकार्ड था और वह सोच रहे थे कि काश हर भारतीय इस पोस्टकार्ड की कीमत पर एकदूसरे से बात कर सकता तो फिर भारत कहां पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का टेलीकॉम सेक्टर को लेकर रोडमैप शुरू से स्पष्ट था। उन्होंने कहा, 'हमारा रोडमैप यह था कि कॉलिंग को किसी पोस्टकार्ड से भी सस्ता बनाया जाए। आज यह पूरी तरह से फ्री है। और अब हम भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, तो यह न सिर्फ लोगों में संवाद कराएगा बल्कि तमाम अनगिनत चीजें भी।'

जियो लाने की प्रेरणा

पूर्व नौकरशाह और बीजेपी नेता एन.के. सिंह की पुस्तक 'पोर्ट्रेट ऑफ पावर: हाफ अ सेंचुरी ऑफ बीइंग ऐट रिंगसाइड' के विमोचन समारोह में मुकेश अंबानी ने रिलायंस की सफलता की कहानी बताई। एक स्कूल टीचर के बेटे धीरूभाई अंबानी करीब 60 साल पहले महज एक हजार रुपये लेकर मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने एक कारोबारी साम्राज्य खड़ा कर दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह से जियो शुरुआती सफलता के बाद आज भारत का सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया है।

उन्होंने बताया कि उनके पिता हमेशा नई टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर देते थे और इसी वजह से रिलायंस समूह पेट्रोकेमिकल, टेक्सटाइल से आगे बढ़ते हुए टेलीकॉम कारोबार में उतरा और रिलायंस जियो (Jio) का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि उनके पिता हमेशा इस बात पर जोर देते थे कि भविष्य की नई टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहिए। मुकेश अंबानी ने कहा, 'वह हमेशा कहते थे कि मुझे सिर्फ टेक्सटाइल कंपनी तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यदि तुम टेक्सटाइल कंपनी से आगे बढ़ना चाहते हो तो भविष्य के कारोबार को अपनाना चाहिए और अगली पीढ़ी की प्रतिभाओं में निवेश करना चाहिए।' 

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