यहां जानें कार के पेट्रोल, डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन में क्या है फर्क और किस तरह करते हैं काम

पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारें तो लंबे समय से सड़कों पर दौड़ रही हैं

Update: 2021-03-01 15:04 GMT

पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारें तो लंबे समय से सड़कों पर दौड़ रही हैं. अब धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक कार भी चलन में आ गई हैं. अब लोग इलेक्ट्रिक कार खरीद रहे हैं. इलेक्ट्रिक कार चलाने के लिए आपको बिजली की आवश्यकता होती है. इलेक्ट्रिक कार में पेट्रोल-डीजल की जगह बिजली का इस्तेमाल होता है और दूसरे इंजन में फ्यूल का इस्तेमाल होता है. दरअसल, हर फ्यूल के लिए अलग इंजन होता है.

इंजन के काम करने का तरीका अलग होता है और इस वजह से गाड़ी के फंक्शन काम करते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर पेट्रोल-डीजल के इंजन में क्या फर्क होता है…और ये किस तरह से काम करते हैं.
पेट्रोल इंजन कैसे काम करता है?
पेट्रोल इंजन और डीजल इंजन में अलग अलग तरह से स्पार्क होता है. पेट्रोल इंजन में स्पार्क अलग होता है. वहीं, पेट्रोल इंजन एयर को लेकर भी डीजल से काफी अलग तरह से काम करता है. वहीं, पेट्रोल इंजन कार में कार्बोरेटर होता है और इस कार्बोरेटर से फ्यूल की सप्लाई अलग तरीके से होती है. इसमें कोर्बोरेटर होने के वजह से डीजल भी अगर इंजन में चला जाए तो ज्यादा दिक्कत नहीं होती है.
डीजल इंजन कैसे काम करता है?
डीजल इंजन में इस तरह का कोई स्पार्क नहीं होता है. साथ ही पेट्रोल इंजन कार की तरह डीजल इंजन में ऐसा नहीं होता है. पेट्रोल इंजन एयर को लेकर भी काफी अलग तरह से काम करते हैं.कार को पावर देने के साथ ही डीजल एक लुब्रिकेशन ऑइल के रुप में भी काम करता है, जिस वजह से फ्यूल पंप और इंजन के अन्य पार्ट्स सुचारु रूप से चलते हैं. इसलिए इसमें पेट्रोल काम नहीं करता है और अगर पेट्रोल डाल दिया जाए तो डीजल के साथ मिक्स होने पर यह सोलवेंट के रूप में काम करने लगता है.

कैसे काम करता है डीजल?
इलेक्ट्रिक कार इंजन पहले ग्रिड से इलेक्ट्रीसिटी लेता है. फिर रिचार्जेबल बैट्री में पॉवर सेव हो जाती है. फिर इसका इस्तेमाल इंजन चलाने में होता है. ये इंजन इंटर्नल कंजम्शन इंजन की जगह इलेक्ट्रिक मोटर इंजन होते हैं. साथ ही ये इंजन अन्य फ्यूल इंजन के मुकाबले काफी फास्ट होते हैं और इस वजह से ड्राइव करने में काफी हल्के होते हैं. बिजली की चलने की वजह इसमें तेल पाइप लाइन और लिक्वल कंपोनेंट्स नहीं होते हैं. इस तरह के इंजन में काफी कम रनिंग पार्ट्स होते हैं और काफी कम पार्ट्स इंजन में होते हैं. इसमें फ्यूल पंप, फ्यूल लाइन, फ्यूल टैंक जैसी कोई व्यवस्था नहीं होती है.

हाईब्रिड काफी भी आती हैं
साथ ही आजकल कई हाइब्रिड कार भी आ रही हैं, जिसमें एक पेट्रोल इंजन के साथ इलेक्ट्रिक इंजन या फिर डीजल इंजन के साथ इलेक्ट्रिक इंजन होता है. इस टेक्नोलॉजी को हाइब्रिड कहते हैं और इसमें दोनों इंजन कार को पावर सप्लाई करते हैं. फ्यूल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर की संयुक्त पावर वाली टेक्नोलॉजी ही इन कारों को हाइब्रिड बनाती है. इसके साथ ही अगर किसी कार का फ्यूल खत्म हो जाता है तो कार में लगी इलेक्ट्रिक मोटर कार को कुछ किलोमीटर तक की यात्रा करने में मदद करती है. पूरी तरह इलेक्ट्रिक ना होने के चलते ये कार फ्यूल खत्म होने पर सिर्फ कुछ ही दूरी की यात्रा कर पाती हैं.


Tags:    

Similar News

-->