कानपुर: 120 फर्में व कंपनियां जांच के दायरे में, टैक्स चोरी की वजह से होगा GST ऑडिट

टैक्स चोरी, बैंक फ्रॉड और अन्य तरह की हेराफेरी में शामिल

Update: 2021-04-04 14:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: टैक्स चोरी, बैंक फ्रॉड और अन्य तरह की हेराफेरी में शामिल रहीं कुछ कंपनियों की वजह से राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग (स्टेट जीएसटी) ने कानपुर जोन के 120 कारोबारियों का जीएसटी ऑडिट कराने का फैसला लिया है। यह ऑडिट एक जुलाई 2017 से दो वर्षों का होगा।

यानी वित्तीय वर्ष 2017-18 व 2018-19 का हिसाब किताब शामिल रहेगा। जिन कंपनियों और फर्मों का जीएसटी ऑडिट होना है, उनमें बैंकों का 7200 करोड़ रुपये डुबाने वाले डॉ. एमपी अग्रवाल की कंपनी श्रीलक्ष्मी कॉटसिन और करीब 4000 करोड़ का बैंक फ्रॉड करने वाले हीरा कारोबारी उदय देसाई की कंपनी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल भी शामिल है। 
इनके अलावा वर्ष 2018 में तत्कालीन सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर संसार चंद को रिश्वत देने के मामले में फंसी कंपनी शिशु शोप एंड प्राइवेट लिमिटेड भी जांच के दायरे में है। इन कंपनियों ने जीएसटी की भारी भरकम चोरी की है। विभाग को शक है कि कहीं अन्य कंपनियां भी तो इसी तरह का खेल नहीं कर रहीं।
लिहाजा बहुत जल्द ही कंपनियों और फर्मों के प्रतिनिधि जीएसटी में हुई खरीद, बिक्री और टैक्स जमा करने के सबूत के साथ तलब किए जाएंगे। स्टेट जीएसटी मुख्यालय ने जीएसटी ऑडिट के लिए प्रदेश के सभी जोन के 60-60 फर्मों और कंपनियों को चिह्नित किया है। यहां दोनों जोन मिलाकर कुल 120 कारोबारियों को चिह्नित किया गया है।
ये हैं फर्में
फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड, श्रीलक्ष्मी कॉटसिन, शिशु शोप एंड प्राइवेट लिमिटेड, माई कार लिमिटेड, कड़क फैमिली, तिरुबाला इंटरनेशनल, तिरुबाला एक्सपोर्ट, एसबी कार, कानपुर एडिबल प्राइवेट लिमिटेड, बांके बिहारी प्लाई इंडस्ट्री, एप्साइलोन पब्लिसिंग हाउस, मैसर्स आरके इंटरनेशनल, मिर्जा इंटरनेशनल, यूपीएसआईसी, हंस मेटल लिमिटेड, जैजसन्स एक्सपोर्ट लिमिटेड, एके हैवी इलेक्ट्रिकल एंड इंजीनियरिंग वर्क्स, सम्राट कार, सोसाइटी मोटर, आगरा हाउस आदि।


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