Jio Estonia ने औलू यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनरशिप की घोषणा, बढ़ाया 6G की तरफ कदम
जिसका अर्थ है सीमलेस डेटा ट्रांसमिशन के लिए डाउनलिंक स्पीड 1,000 जीबीपीएस जितनी अधिक होगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जहां जियो (Jio) ने अभी तक भारत में 5जी सेवाएं शुरू नहीं की हैं, वहीं जियो की सब्सिडियरी Estonia ने पहले ही 6जी पर काम करना शुरू कर दिया है. जियो एस्टोनिया ने घोषणा की है कि वह अगली पीढ़ी के 6जी नेटवर्क का पता लगाने के लिए University of Oulu के साथ काम करेगी जो भविष्य के वायरलेस एंड-टू-एंड सॉल्यूशन्स को यूजर रिक्वायर्मेंट की एक वाइड रेंज के लिए सक्षम करेगा. बता दें, 6G में 5G से 100 गुना ज्यादा स्पीड होगी.
5G से 100 गुना तेज होगा 6G
कंपनी ने आगे बढ़ने की अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह उल्लेख किया है कि "इस साझेदारी से एरियल और स्पेस कम्युनिकेशन, होलोग्राफिक बीमफॉर्मिंग, साइबर सिक्योरिटी, माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक और फोटोनिक्स में 3D कनेक्टेड इंटेलिजेंस को इंडस्ट्री और एकेडमी दोनों में बढ़ावा मिलेगा.'' 6जी नेटवर्क 5जी की तुलना में 100 गुना तेज स्पीड की पेशकश करेगा, जिसका अर्थ है सीमलेस डेटा ट्रांसमिशन के लिए डाउनलिंक स्पीड 1,000 जीबीपीएस जितनी अधिक होगी.
इन सेक्टर्स पर रहेगा फोकस
Jio 6G का असर मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस और इंडस्ट्रियल मशीनरी पर भी पड़ेगा. यह नेटवर्क 5जी के साथ मौजूद होगा और बड़ी रेंज के कंज्यूमर्स और इंटरप्राइजेज को कवर करेगा. तकनीक की बात करें तो, 5G से 6G काफी बेहतर होगा इसका उद्देश्य तेज गति और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ-साथ टेराहर्ट्ज फ्रिक्वेंसीज के माध्यम से सेल-फ्री MIMO, इंटेलिजेंट सर्फेस और हायर कैपेसिटी लाना होगा
कई देशों में चल रहा है रिसर्च
जियो प्लेटफॉर्म्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट आयुष भटनागर ने कहा, 'ओलू विश्वविद्यालय के साथ 6जी रिसर्च और केपेसिटीज में शुरुआती निवेश, 5जी में जियो लैब की क्षमताओं को पूरक कर सकता है और 6जी को जीवन में ला सकता है.' साबित करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि 6G की गति 5G से 100 गुना तेज होगी. सैमसंग ने इस अगली पीढ़ी के नेटवर्क के लिए 1,000 जीबीपीएस तक की गति की कल्पना की है जिसका रिसर्च और डेवेलपमेंट चीन और जर्मनी जैसे देशों में शुरू हो चुका है.
2025 तक लॉन्च हो सकता है 6G
जबकि 6G लॉन्च कम से कम 2025 तक होने की उम्मीद नहीं है, भारत 2023 या 2024 के अंत तक स्वदेशी रूप से विकसित और 6G तकनीक को तैनात करने के लिए आश्वस्त है. मिनिस्टर ऑफ कम्यूनिकेशन अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि "6G विकास पहले ही शुरू हो चुका है."