जिस मानसून का बेसब्री से इंतजार था, उसने अब देश में दस्तक दे दी है और इस दस्तक ने दिल्ली और उत्तर भारत के साथ-साथ पश्चिमी भारत की धड़कनें भी बढ़ा दी हैं। वजह है टमाटर की कीमतें जो देश के कई हिस्सों में 100 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई हैं. आसमान से बरसी आफत का असर ऐसा हुआ है कि इस वक्त सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में कोई भी सब्जी 50 रुपये प्रति किलो से कम नहीं है. तीन वजहें बताई जा रही हैं. देश के कई हिस्सों में गर्मी के कारण फसलें खराब हो गई हैं, समय पर बारिश न होने के कारण सब्जियों का प्रसार उतना नहीं हो सका और आखिरी सब्जियों का उत्पादन कम हो गया है.
यहीं से दूसरी फिल्म की पटकथा भी लिखी जाने लगी है। जी हां, अब बात होगी प्याज की. जिनकी कीमतें आने वाले डेढ़ से दो महीने में शतक लगा सकती हैं. यानी प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो या उसके पार भी पहुंच सकती है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल बर्बाद होने की आशंका है. जिसका असर आने वाले दिनों में थोक और खुदरा दोनों कीमतों पर देखने को मिल सकता है. ऐसे में प्याज व्यापारियों का भंडारण भी अभी से शुरू हो गया है.
सब्जी के दाम प्याज
तो इन सब बातों का संदेश क्या है? जब देश में मानसून शुरू ही हुआ है तो क्या आसमान से राहत की जगह महंगाई बरस रही है? सवाल ये भी है कि जुलाई महीने में जब सीपीआई महंगाई के आंकड़े आएंगे तो देश में महंगाई कम होगी या ज्यादा? और अगर आंकड़े 5 फीसदी से ज्यादा या 6 फीसदी के आसपास नजर आते हैं तो ऐसी स्थिति में आरबीआई क्या कदम उठाएगा, जिसने लगातार दो बार यानी अप्रैल और जून एमपीसी में रेपो रेट को फ्रीज रखा है. क्या आरबीआई के पास अगस्त एमपीसी चक्र में ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा? वैसे, विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई के पास रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट और बढ़ोतरी की गुंजाइश खुली है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि टमाटर और प्याज कैसे आम लोगों की ईएमआई बढ़ा सकते हैं?
अप्रैल से ही संकेत मिलने लगे थे
अगस्त से अक्टूबर के बीच प्याज की कीमतों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, अनुमान है कि महाराष्ट्र के उन इलाकों में बारिश हुई है जहां प्याज का उत्पादन ज्यादा देखने को मिलता है. 5 मई को फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा था कि रबी प्याज को रिजर्व में रखा जाता है और उसी प्याज की आपूर्ति अक्टूबर में की जाती है। अप्रैल में बेमौसम बारिश के कारण प्याज में नमी की मात्रा बढ़ गयी होगी. इससे प्याज की शेल्फ लाइफ 4 से 6 महीने कम हो जाएगी.