अमेरिका में महंगाई दर फरवरी में बढ़त के साथ 7.9% पर पहुंची
अमेरिकी में महंगाई दर (inflation) नये रिकॉर्ड स्तर पहुंच गई है.
अमेरिकी में महंगाई दर (inflation) नये रिकॉर्ड स्तर पहुंच गई है. गैस, भोजन और आवास की बढ़ती लागत की वजह से कंज्यूमर इन्फ्लेशन पिछले वर्ष की तुलना में 7.9% बढ़ी है, ये 1982 के बाद से किसी एक साल के दौरान दर्ज हुई सबसे तेज उछाल है. वहीं जानकार मान रहे हैं कि महंगाई दर में आगे और बढ़त देखने को मिल सकती है. दरअसल अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा गुरुवार को रिपोर्ट की गई वृद्धि फरवरी में समाप्त होने वाले 12 महीनों को दर्शाती है और इसमें तेल और गैस (oil and gas) की कीमतों में हाल में हुई वृद्धि शामिल नहीं है, जो कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia Ukraine Crisis) के बाद हुई थी. रूस के हमले के बाद से गैस की औसत कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है.
महंगाई दर में आगे और बढ़त का अनुमान
यूक्रेन संकट से पहले ही कीमतों में तेजी देखने को मिल रही थी, उपभोक्ता के खर्च, वेतन वृद्धि और सप्लाई में कमी की वजह से अमेरिका की उपभोक्ता मुद्रास्फीति चार दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी. इसके अलावा, आवास की लागत, जो सरकार के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का लगभग एक तिहाई है, तेजी से बढ़ी है, जानकारों के मुताबिक फिलहाल इन ट्रेंड्ज में बदलाव की संभावना नहीं है. और इससे महंगाई पर आगे भी दबाव दिखेगा. सरकार की गुरुवार की रिपोर्ट ने यह भी जानकारी दी गई कि जनवरी के मुकाबले फरवरी में महंगाई दर 0.8% बढ़ी है, वहीं दिसंबर के मुकाबले जनवरी में इसमें 0.6% की बढ़त देखने को मिली है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश अमेरिकी की वेतन वृद्धि मौजूदा महंगाई दर से कम रही है. जिससे सरकार के लिये दबाव बढ़ गया है, दरअलसल मध्यावधि चुनाव करीब आ रहे हैं दूसरी तरफ सरकार को अर्थव्यवस्था की चिंता भी करनी है. पिछले साल के अंतिम तीन महीनों में, वेतन में 4.5% की वृद्धि हुई, जो कम से कम 20 वर्षों में इस तरह की सबसे तेज वृद्धि है
अगले सप्ताह से फेड बढ़ा सकता है दरे
महंगाई दर में बढ़त की वजह से फेडरल रिजर्व इस साल कई बार ब्याज दरें बढ़ाने के लिए तैयार है, जिसकी शुरुआत अगले सप्ताह मामूली वृद्धि के साथ हो सकती, दरअसल फेड अगर आक्रामक रुख अपनाता है तो इससे अर्थव्यवस्था की ग्रोथ पर असर देखने को मिल सकता है. फिलहाल फेड की सबसे बड़ी चिंता तेल गैस की बढ़ती कीमतें है. दरअसल तेल गैस पर खर्च बढ़ने से कई अन्य खर्चों में कटौती देखने को मिल सकती है इससे मांग पर बुरा असर संभव है. हालांकि, अधिकांश अर्थशास्त्रियों का कहना है कि उन्हें लगता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था इतनी मजबूती से बढ़ रही है कि उच्च मुद्रास्फीति के साथ भी एक और मंदी की संभावना नहीं है.